पाकिस्तान को बड़ा झटका,भारत को मुस्लिमो का पर्यवेक्षक बनाना चाहता-बांग्लादेश

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भारत विरोधी पाकिस्तान को बांग्लादेश ने जोर का झटका धीरे से दिया है| खबरों कि माने तो भारत को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉरपोरेशन (ओआईसी) का पर्यवेक्षक बनाने की बात कही है। यह पड़ोसी देश के लिए किसी झटके से कम नहीं है क्योंकि वह लगातार भारत की छवि को खराब करने की कोशिश करता रहता है। ओआईसी एक ऐसा संगठन है जिसके सदस्य केवल वही देश हैं जहां मुस्लिम आबादी की बहुलता है।
दुनिया की मुस्लिम आबादी का 10 फीसद भारतीय
ढाका में आईओसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इस दौरान बांग्लादेश के मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने संगठन में सुधारों की मांग करते हुए कहा कि भारत जैसे देशों को संगठन के पर्यवेक्षक सीट के लिए नियुक्त किया जा सकता है, जो मुस्लिम बहुल देश नहीं है। हालांकि पाकिस्तान इस प्रस्ताव का स्वागत नहीं करेगा क्योंकि वह इस फोरम के जरिए भारत को निशाना बनाता रहता है। लेकिन पाकिस्तान का प्रिय दोस्त चीन और बांग्लादेश इसका समर्थन कर सकते हैं। बता दें कि दुनियाभर की मुस्लिम आबादी का 10 प्रतिशत हिस्सा भारत में रहता है।
ओआईसी के सचिव ने किया समर्थन
9 करोड़ 20 लाख लोगों की आबादी वाले मिस्र में वैश्विक मुस्लिम आबादी का 5 प्रतिशत हिस्सा रहता है। विश्व में मुस्लिमों की आबादी में इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद भारत तीसरे नंबर पर आता है। अली ने कहा कि ऐसे बहुत से देश हैं जो OIC के सदस्य नहीं है लेकिन उनके देश में मुस्लिम नागरिकों की एक बड़ी संख्या मौजूद है। बेशक उन देशों में मुस्लिम अल्पसंख्यक हों लेकिन संख्या के मामले में ये कई आईओसी देशों की कुल आबादी से ज्यादा हैं।

बांग्लादेशी विदेश मंत्री अली ने आगे कहा, ‘उन गैर-OIC देशों के साथ भी दूरी को पाटने की जरूरत है ताकि बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी OIC द्वारा किए गए अच्छे कामों से अछूती न रहे। यही वजह है कि OIC के लिए सुधार और पुनर्गठन महत्वपूर्ण है। अली ने कहा, वर्तमान युग की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें अपने काम, तरीके और कार्यप्रणाली की प्रक्रिया पर पुनर्विचार करना होगा।
साल 2006 में पूर्व सऊदी किंग अब्दुल्लाह ने भारत को OIC का पर्यवेक्षक बनाए जाने की मांग की थी लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर को लेकर भारत पर हमले के लिए पाकिस्तान OIC के मंच का इस्तेमाल करता था।