‘प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय’ के द्वारा G I C ग्राउंड में शिविर का आयोजन

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा G I C ग्राउंड में शिविर के सातवें सत्र में पंडाल में स्वर्ग जैसा माहौल बनाया गया जिसमें विशाल स्टेज से सभी देवी देवताओं ने पूरे सभा पर पुष्प वर्षा की सभी को लगा कि जैसे हमने तनाव से मुक्ति पा ली है। खुशी वाला नया जीवन निर्विघ्न उमंग उत्साह दिख रहा था। ब्रह्मा कुमारी पूनम ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का पूरा इतिहास बताया प्रभु “का विचित्र अनुभव बताया सन 1876 में एक साधारण परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ जिसका नाम रखा गया लेखराज जिसे प्यार से दादा कहते थे दादा सदा अपने पॉकेट में नारायण का फोटो रखते थे। इनके पिता जी मीडियम क्लास के टीचर थे। दादा को सत्य ज्ञान की खोज थी। दादा ने अपने जीवन में 12 गुरु किए थे। जब दादा युवा अवस्था में पहुंचे तो उनके पिताजी ने शरीर छोड़ दिया दादा अनाज का व्यापार करते थे। परमात्मा की कुछ ऐसी कृपा हुई धीरे-धीरे दादा हीरे जवाहरात का व्यापार करने लगे ।बड़े बड़े राजा महाराजा के साथ उनका व्यापार था। नेपाल , उदयपुर ,दरभंगा के राजाओं ने दादा के लिए छूट दे रखी थी कभी भी बिना बताएं सभा में हाजिर हो सकते हैं।

राजा लोग लेखराज को कहते थे भगवान ने गलती से हमें राजा बनाया राजा आपको होना चाहिए था दादा की आयु 60 वर्ष की हुई सन 1934 में ,तब दादा को साक्षात्कार हुआ पहला साक्षात्कार मुंबई में बाबुल नाथ के मंदिर में दादा बैठे थे तो नारायण चतुर्भुज का साक्षात्कार हुआ। उसके पश्चात दादा गुरु जी से मिले गुरु जी को बताया गुरु जी ने मना कर दिया कि मैंने साक्षात्कार नहीं कराया है।

दूसरा साक्षात्कार बनारस में दुखमय संसार का महाभारी विनाश ,भारत में गृह युद्ध द्वारा विनाश , प्राकृतिक आपदाओं द्वारा विनाश , विदेशों में बमबारी द्वारा विनाश तब दादा ने कहा बस करो प्रभु तीसरा साक्षात्कार ऊपर से सितारे आ रहे हैं। जो सितारा आता कोई देवी का रूप लेता है और कोई देवता का रूप ले लेता है। आकाशवाणी हुई कि कुछ ही समय के पश्चात महाविनाश होने वाला है। नई दुनिया आने वाली है। ऐसी दुनिया लाने के लिए तुम्हें अपने कर्तव्य का माध्यम बनाना है। धंधा को छोड़ परमात्मा के कहे हुए कार्य में संपूर्ण विधि से समर्पित हो गए। ब्रह्मा कुमारी पूनम ने एक वाक्य सुनाया दादा लेखराज के घर पर सिंध में गुरु जी का सत्संग चल रहा था। बीच में से दादा लेखरा अपने कमरे में चले गए। यह देख उनकी पत्नी भी चली गई । दादा कमरे में जाकर बैठ गए। जिस कमरे में दादा बैठे थे। वह कमरा जगमग होने लगा।सुनहरा लाल प्रकाश से दादा घिरे हुए थे। मुख से आवाज आ रही थी प्रकाश स्वरूपम ज्ञान स्वरूपम शिवोहम शिवोहम यह आवाज शिव बाबा बोल रहे थे। परमात्मा का कैसे अवतार हुआ पूरा किस्सा ब्रह्मा कुमारी पूनम ने सुनाया।

पूरी सभा को बताया आपके पूर्व जन्मों का पुण्य फलीभूत हुआ है जो आज आप इस हॉल में बैठे हो परमात्मा का ज्ञान सुन रहे हो। आपने जीवन में शुरू से लेकर आज तक जो गलती की है भगवान को पत्र लिखकर क्षमा मांग ले सभी को पत्र लिखकर पत्र बॉक्स में डालने के लिए बीके पूनम ने कहा। सभा में अलौकिक जन्म उत्सव मनाया गया।अलौकिक जन्म उत्सव मनाते समय पूरे हॉल में गुलाब के फूलों की वर्षा हुई लोगों के चेहरे आज खिले खिले थे। अच्छी नींद के लिए बताया कि रात को सोने से 2 घंटे पहले फेसबुक, व्हाट्सएप, टीवी, टि्वटर एवम इंटरनेट इत्यादि बंद कर दें और संकल्प करें आज मुझे बहुत अच्छी नींद आएगी।