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108 एम्बुलेंस ढो रही सवारियां
मुसाफिर खाना/अमेठी/छेत्र के जगदीश पुर बस स्टॉप के पास लखनऊ वाराणसी राष्ट्रिय राजमार्ग पर सवारी बैठाती 108 एम्बुलेंस।प्रदेश के युवा मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश में अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं को विकास की गति प्रदान कर रहे है, वहीँ जिम्मेदारों की शिथिलता से किरकिरी होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। सवारी बैठाने पर सूत्रों की माने तो जगदीश पुर में सवारी ढोते हुये अक्सर देखी जाती है 108 एम्बुलेंस।
अब ज़रुरत मंदों के लिए लायी गयी सेवा, सभी की सेवा कर रही है. अभी भी कईं लोग इस सेवा के अभाव में परिस्थितियों से हार जाते है . एक तरफ ये एम्बुलेंस के ज़िम्मेदार अपनी जेबें गर्म करने में लगे हुए है, और दूसरी तरफ इसका नकारात्मक असर सरकार की छवि पर जा रहा है.
इन एम्बुलेंस के ज़िम्मेदारों को सरकार से क्या मतलब. सरकार की छवि रहे या न रहे, सरकार रहे या न रहे , पर इनको तनख्वा भी चाहिए और इंसेंटिव भी चाहिए .
वैसे भी सरकार कोई भी आये, सरकारी तनख्वा तो मिलनी तय है. वो कहावत है न ” चित भी मेरी , पट भी मेरा , सिक्का मेरे बाप का “.
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