दिल्ली : महंगी हुई बिजली , इस महीने से कितना बढ़ जाएगा आपका बिल !

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
राजधानी दिल्ली में बिजली महंगी हो गई है। बिजली बिल में जून के मध्य से 2 से 6 फीसदी तक इजाफा हुआ है। इसकी वजह है बिजली वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं पर लगाए जाने वाले बिजली खरीद समायोजन लागत (पीपीएसी) में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी करना है। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने दिल्ली बिजली नियामक आयोग (डीईआरसी) की मंजूरी के बाद कोयले और गैस जैसे ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण यह इजाफा किया है। सरचार्ज वृद्धि इस साल 10 जून से लागू हुई है और उपभोक्ताओं को जुलाई के बिल में इसका असर दिखेगा। डीईआरसी ने 10 जून को जारी एक आदेश में कहा है कि अतिरिक्त पीपीएसी इस साल 31 अगस्त तक या अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। इस संबंध में डीईआरसी की कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिली।

कोयले और गैस की कीमतों में वृद्धि-
पीएसी उपभोक्ताओं पर बाजार संचालित ईंधन लागत ( कोयला और गैस की कीमतों में वृद्धि के कारण अतिरिक्त लागत ) में भिन्नता के कारण डिस्कॉम को क्षतिपूर्ति करने के लिए एक अधिभार है। यह हर बिल पर लगाया जाता है और दिल्ली में केंद्रीय बिजली मंत्रालय के आदेशों के अनुसार , इस अधिभार को त्रैमासिक आधार पर संशोधित किया जाना चाहिए। वास्तव में , बिजली खरीद लागत वितरण कंपनियों द्वारा किए गए कुल लागत का लगभग 80 फीसदी है।

डीईआरसी के आदेश में कहा गया है, ‘मुझे यह बताने का निर्देश दिया गया है कि आयोग डीईआरसी (टैरिफ के निर्धारण के लिए नियम और शर्तें) विनियम 2017 और डीईआरसी (बिजनेस प्लान) विनियम , 2019 के विनियमन 37 के विनियमन 172 के अनुसार इस पत्र के जारी होने की तारीख से स्वीकृत (पीपीएसी) के अलावा बीवाईपीएल , बीआरपीएल और टीपीडीडीएल को क्रमश: 6, 4 और 2 प्रतिशत पीपीएसी लेने की अतिरिक्त अनुमति देता हूं।’ बिजली उपयोगिताओं की खराब कैश फ्लो (नकदी-प्रवाह) स्थिति , पीपीएसी फार्मूले में अल्पकालिक बिजली खरीद (एसटीपीपी) को शामिल ना करना, अप्रैल और मई 2022 में एसटीपीपी पर बढ़ी निर्भरता और बिजली उत्पादन में आयातित कोयले के सम्मिश्रण के साथ-साथ गैस की कीमतों में वृद्धि की वजह से अतिरिक्त पीपीएसी की अनुमति दी गई है।

घाटे में हैं बिजली कंपनियां-
अतिरिक्त पीपीएसी के पीछे का कारण बताते हुए , बिजली नियामक ने कहा कि बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी) बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना) और टीपीडीडीएल (बीएसईएस टाटा) ने अप्रैल 2022 में क्रमशः 168 करोड़ रुपये , 132 करोड़ रुपये और 61 करोड़ रुपये की नकदी घाटे की सूचना दी है। इसके अलावा , बीएसईएस राजधानी ने मई 2022 में 166 करोड़ जबकि बीएसईएस यमुना ने 38 करोड़ के नकद घाटे की सूचना दी।