वृक्ष धरा पर जीवित देवता हैं : डॉ शीर्षेन्दू शील

रीडर टाइम्स डेस्क

वृक्ष धरा पर जीवित देवता है । जहां श्वसन के लिये जीवनदायिनी आक्सीजन देकर प्रत्येक जीवधारी को जीवन प्रदान करते हैं , वही दूसरी ओर शारीरिक विकास और जीवनयापन के लिए फल,सब्जी , अनाज, दलहन, मसाले आदि विभिन्न रूप में पुष्ट करने का कार्य करते हैं।

स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये औषधीय गुण उत्पाद कर सुरक्षित रखते हैं। फर्नीचर,यातायात, भवन आदि भौतिक संसाधन के निर्माण हेतु लकड़ी देकर समृद्ध बनाते हैं।

उक्त विचार सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान के संस्थापक प्रबन्धक डाॅ.सुशील चन्द्र त्रिवेदी”मधुपेश जी के निर्देशानुसार आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम मे संस्थान के निदेशक डा.शीर्षेन्दु शील ” विपिन” ने व्यक्त किये।

संस्थान द्वारा संचालित डाॅ.राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय, परिसर मे 200, सा.शि.सं. इण्टर कालेज में 150, श्री बाबूराम त्रिवेदी सरस्वती शिशु मन्दिर मे 150, तथा वृद्धाश्रम अल्लीपुर हरदोई मे 100 आम, जामुन, अमरूद , नीम आदि के कुल 600 पौधे रोपित किये गये।

इस अवसर पर कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों ने एक-एक पौधे को स्थापित कर,गोद लेकर उसके पालन और संरक्षण की जिम्मेदारी का संकल्प लिया । इस अवसर पर डॉ शशिकांत पांडेय, डाॅ.रश्मि द्विवेदी, श्रीमती पूर्णिमा , रामसुमर जी, पारूल गुप्ता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।