बस अड्डे पर फौजी पत्रकार और यात्री पिट चुके : अब पल्लव किसको पिटवाएँगे 

ब्यूरो चीफ ट्रांस गोमती दीपक सिंह गौर
रीडर टाइम्स न्यूज़
ये दंगल का अखाड़ा नहीं बल्कि आलमबाग का बस अड्डा है। ये लड़की कोई नहीं स्टेशन इंचार्ज ज्योति अवस्थी है। जो एक यात्री को अपने अन्य कर्मियों के साथ दौड़ा दौड़ा कर पीट रही। इससे पहले ज्योति पत्रकारों को भी पीट चुकी। इसको महाभ्रष्ट पल्लव बोस ने पूरी छूट दे रखी। इसके ऊपर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा तो अपने कार्यालय से आलमबाग बस अड्डे पर तैनाती कर दी। पत्रकार को पीटने के मामले की बोस ने डीके गर्ग पर दबाव बनाकर ज्योति के फेवर ने रिपोर्ट लगवा दी। ज्योति 20 साल से लखनऊ में तैनात है। जिसका हेड क्वार्टर से दो बार गाजियाबाद और कानपुर तबादला हो चुका। पर रिलीव नही हुई। इससे पहले कैसरबाग में इंचार्ज ममता साहू ने फौजी को उसकी मां के सामने पीटा। पुलिस में केस दर्ज हुआ। ममता साहू को पल्लव बोस के साथ में कैसरबाग के एआरएम रमेश सिंह बिष्ट का संरक्षण हासिल है। और पल्लव को रोडवेज के सभी बड़े अफसरों का। पल्लव ने आलमबाग के एक जगलर बाबू गुरमीत सिंह जो कंडक्टर से प्रमोशन पाने के बाद भी पिछले 18 साल से वहीं पर भ्रष्टाचार कर रहा है। यह ईमानदारी का मुखौटा पहने चारबाग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक कायस्थ अमरनाथ सहाय का भी चहेता है । पल्लव ने मुख्य सचिव के आदेश को भी दरकिनार करते हुए लखनऊ के ऐसे किसी भी कर्मचारी को पड़ोसी जिले के डिपो में स्थानांतरित नहीं किया जो तबादला नीति के दायरे में आ चुके हैं। ऐसे कर्मचारी रोडवेज कर्मचारी नेताओं के कमाऊ पूत जिनका तबादला ना करके पल्लव ने उनका भी मुंह बंद कर दिया है। जो पल्लव के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे हैं । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध है कि रोडवेज में इस वक्त भ्रष्टाचार और नियमों के विपरीत बड़े पैमाने पर जो काम हो रहे हैं उसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषी लोगो को दंडित करें लड़को को कमरे के अंदर खीच कर ले जा रहीं थीं ताकी बन्द कर के मार सकें।