योगी सरकार युवाओं को बिजनेस करने का दे रही हैं शानदार मौका : देगी 25 % उघोग के लिए देगी सब्सिडी ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार देने के लिए लगातार नए-नए कदम उठा रही है. अब योगी सरकार ने युवाओं को बिजनेस करने का शानदार मौका दे रही है और इसके लिए प्लांट लगाने के अलावा मशीनरी खरीदने पर 25 प्रतिशत सब्‍सिडी देने का ऐलान किया है. योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया है. इससे राज्य में निवेश बढ़ेगा और तीन लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है.

यूपी को कपड़ा हब बनाना चाहती है योगी सरकार:
बता दें कि उत्तर प्रदेश को कपड़ा हब बनाने के लिए क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करने और सभी इकाइयों का विकास सुनिश्चित करने के लिए एक नई कपड़ा और परिधान नीति को मंजूरी दी है. नई नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य को वैश्विक स्तर के परिधान निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना और कपड़ा उद्योग से संबंधित सभी प्रकार की इकाइयों जैसे हथकरघा , पावरलूम , कताई , बुनाई , प्रसंस्करण और परिधान का सतत विकास करना है.

कपड़ा उद्योग में निवेश पर 25 प्रतिशत सब्सिडी:
यूपी सरकार की नई नीति के तहत कपड़ा और वस्त्र इकाइयों को संयंत्र और मशीनरी की खरीद पर किए गए निवेश पर 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी. इसके अलावा, राज्य के मध्यांचल क्षेत्र में स्थापित होने वाली कपड़ा एवं वस्त्र इकाइयों को 5 प्रतिशत की दर से और पूर्वांचल व बुंदेलखंड में स्थापित होने वाली कपड़ा एवं वस्त्र इकाइयों को 10 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त पूंजीगत अनुदान की प्रतिपूर्ति की जाएगी. पूंजीगत सब्सिडी की सीमा प्रति यूनिट 100 करोड़ रुपये तक सीमित होगी.

दूध आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने का प्लान:
एक अन्य निर्णय में राज्य मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 को समाप्त कर उत्तर प्रदेश डेयरी विकास एवं दुग्ध उत्पाद संवर्धन नीति-2022 को मंजूरी दी है. नई नीति अधिसूचना जारी होने की तारीख से पांच साल के लिए प्रभावी होगी. इसका मुख्य उद्देश्य निवेशकों की सुविधा के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण द्वारा राज्य में दूध आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करना है. दुग्ध प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 5000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश का लक्ष्य रखा गया है.

1.25 लाख नए रोजगार मिलने का अनुमान:
प्रस्तावित नीति में प्रदेश के विभिन्न एफपीओ, सहकारी संस्थाओं और निजी क्षेत्र के उद्यमियों को नई दुग्ध प्रसंस्करण एवं दुग्ध उत्पाद बनाने वाली डेयरी इकाईयां उपलब्ध कराई जाएंगी. विनिर्माण इकाइयों की स्थापना और क्षमता विस्तार (मौजूदा क्षमता में न्यूनतम 25 प्रतिशत की वृद्धि) का प्रस्ताव किया गया है. नई नीति के तहत प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 1.25 लाख नए रोजगार सृजित होने का अनुमान है.