माधौगंज : अवैध कब्जा संपत्ति एवं भू माफियाओं में नहीं है – कानून का डर ,

शिवधीश त्रिपाठी
रीडर टाइम्स न्यूज
हरदोई / लगातार देखने को मिल रहा है कि अवैध भू माफियाओं के अंदर अभी भी कानून का डर नहीं बैठ पाया है हालांकि सरकार लगातार अवैध कब्जा संपत्ति को लेकर बुलडोजर चलाती रहती है. लेकिन जब कानून के रखवाले ही उनके समर्थक बन जाए तब सरकार भी क्या कर सकती है ऐसा ही ताजा मामला ग्राम दूल्हे रायपुर का है. जहां खड़ंजा पर अतिक्रमण किया जा रहा है. रघुराज पांडे ने बताया कि उनके गांव के ही कुछ दबंगों द्वारा खड़ंजा के ऊपर अवैध सीढ़ियां बनाकर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है. यही नहीं मकान के ऊपर मानको की अनदेखी करते हुए 3 फिट का छज्जा आगे निकाल दिया गया है. जिसकी वजह से उसके आगे बने मकानों में निकलना मुश्किल हो रहा है. क्योंकि गली इतनी पतली है एक बार में एक ही वाहन अंदर जा सकता है. अगर वाहन में ट्रैक्टर के ऊपर कुछ मटेरियल ले जाना हो तो छज्जे से टकराएगा जिससे फिर झगड़े की स्थिति उत्पन्न होगी और आपस में मारपीट होकर खून खराबा होने की भी संभावना है. पीड़ित ने स्थानीय थाने में थाना अध्यक्ष के संज्ञान में यह मामला लाया तो पुलिस ने इसको गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि भू माफिया को छुटपुटिया नेता के साथ-साथ कुछ घूसखोर कानून के रखवालों का भी समर्थन है. ऐसा पांडे का कहना है थाना माधौगंज में एप्लीकेशन भी दिये थे मगर पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की और अतिक्रमण हो रहा है और पुलिस बिल्कुल सुन नहीं रही है.

उसके बाद एसडीएम बिलग्राम को भी तहरीर दी गई थी. मगर वहां भी मिला तो पीड़ित को सिर्फ और सिर्फ झूठा आश्वासन एसडीएम के संज्ञान में आने के बावजूद स्थानीय थाने ने कोई कार्यवाही नहीं की, विपक्षी हरिशंकर पाल ने अवैध अतिक्रमण के बाद पीड़ित से कहा की तुम जानते नहीं हो कि मेरी पहुंच ऊपर तक है. कानून मेरा कुछ नहीं कर सकता तुम ऐसे ही दर – दर की ठोकरें खाते रहो मै खड़ंजा के ऊपर सीड़िया भी बना लूंगा और छज्जा भी बना लूंगा , तुम मेरा कुछ नहीं कर पाओगे, हुआ भी ऐसा जैसा उसने कहा था अब पीड़ित दर-दर की ठोकरें खा रहा है. वह कह रहा है कि अब मैं डीएम साहब के यहां इसकी शिकायत करूंगा अब देखना यह है कि माधवगंज पुलिस इसको कितनी गंभीरता से लेती है. अवैध कब्जा व अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है. क्या पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करेगी या फिर आम आदमी ऐसे ही दर दर की ठोकर खाता रहेगा और छोटी से छोटी समस्या उसके लिए जिंदगी का नर्क बन जाएगी या फिर यह विवाद किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है. उसके बाद ही पुलिस प्रशासन की नींद खुलेगी.