बीजेपी के उठाए गए मुद्दों से ज्यादा : केजरीवाल का कूड़े का मुद्दा सब पर – पड़ा भारी ,

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की ‘छोटी सरकार’ यानी एमसीडी पर भी अधिकार कर लिया है. रुझानों में आप को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक आप को 133, बीजेपी को 104 और कांग्रेस 09 सीटें मिलती दिख रही हैं.एक निगम चुनाव होने के बावजूद यह एक हाई प्रोफाइल मुकाबला बन गया था क्योंकि डेढ़ दशक से एमसीडी की सत्ता पर काबिज बीजेपी की साख दांव पर लगी थी. दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप लगातार बीजेपी को मात दे रही थी लेकिन भगवा पार्टी ने एमसीडी में अपनी सत्ता बरकरार रखी.

आम आदमी पार्टी यह चुनाव जीत कर पूरे देश को यह मैसेज देना चाहती थी कि अगर बीजेपी का विजयी रथ कोई रोक सकता है तो वह सिर्फ केजरीवाल ही हैं. इसमें वह कामयाब होती दिख रही है. हालांकि आप के उम्मीद के मुताबिक चुनाव नतीजों में उसे क्लीन स्वीप नहीं मिली है बल्कि बीजेपी और आप के बीच फासला काफी कम है. दूसरी तरफ कांग्रेस पिछले चुनाव की तरह इस बार कोई छाप छोड़ती नजर नहीं आ रही है.

केजरीवाल का कूड़े का मुद्दा सब पर पड़ा भारी :
बीजेपी इस चुनाव को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, पार्टी ने केंद्रीय मंत्रियों समते कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को प्रचार में उतार दिया था. लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी के उठाए गए मुद्दों से ज्यादा केजरीवार द्वारा उठाया गया कूड़े का मुद्दा सब पर भारी पड़ गया है. दिल्ली में तीन कूड़े के पहाड़ कई वर्षों से खड़ें हैं लेकिन आज तक यह चुनावी मुद्दा नहीं बन पाए. इस बार अरविंद केजरीवाल ने इन तीनों पहाड़ों का मुद्दा उठाकर बीजेपी को काफी परेशान कर दिया.

परिसीमन के बाद पहला चुनाव :
यह चुनाव इस लिहाज से भी खास है कि यह परिसीमन के बाद पहला चुनाव है. केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली के तीनों नगर निगमों का फिर से एकीकरण कर दिया था. परिसीमन के बाद दिल्ली में वार्ड की संख्या 250 हो गई थी.