पीड़ित परिवार ने डीएम से लगाईं न्याय की गुहार 

पुनीत शुक्ला
रीडर टाइम्स न्यूज
हरदोई / मंझिला इलाके के एक परिवार ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाया है। जिसमें उन्होंने डीएम से पुलिस की फर्जी मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। सेना के जवानों के साथ पहुंचे परिवार ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने अपने भाई इरफान को फर्जी फंसाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि इरफान की गिरफ्तारी की खबर सुनकर उसके पिता फारुख की हार्ट अटैक से मौत हो गई। जिससे पूरे परिवार का रो रोकर बुरा हाल है। इरफान की बहन चांदनी ने कहा राजनीतिक दवाब में पुलिस ने झूठे मुकदमे में उसके भाई को फंसाया है। मंझिला थाना क्षेत्र के पेंगू सराय के एक परिवार ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाया है। जिसमें उन्होंने कहा कि उनके भाई इरफान को पुलिस ने फर्जी तरीके से पकड़कर मुठभेड़ में गोली मार दी। जिसकी खबर सुनकर उसके पिता फारुख की मौत हो गई है। इरफान के दो भाई सेना में बाड़मेर और लेह में तैनात हैं, वह देश की सेवा कर रहे हैं, और उनका भाई इरफान घर के कामकाज देखता था। जिसे पुलिस पूछ रही थी इस पर इरफान खुद चलकर पुलिस के पास गया और पूछा कि क्यों पूछ रहे थे। जिस पर पुलिस ने इरफान को गाड़ी में डाल लिया और थाने पर पिटाई की। जिस की खबर सुनकर उसके पिता फारूक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने उसके गांव पेंगू सराय जाकर शाम 7 बजे 3 दिसंबर को उसका एनकाउंटर कर दिया। जिसमें पुलिस ने पीठ थपथपाने के लिए बताया कि 22 तारीख को एक नायाब नाम की लड़की गुमशुदा हुई थी। जिसको प्रदीप अपने गांव ले गया था, जिसमें उसका ट्रैक्टर मालिक इरफान भी शामिल था। दोनों ने उसके साथ गैंगरेप किया उसके बाद हत्या कर दी और उसका शव खेत में दफना दिया। जिसमें पुलिस ने इरफान को पकड़ा वह पुलिसकर्मी की रायफल छीनकर भाग रहा था। इस पर पुलिस ने उसके पैर में गोली मारकर पकड़ लिया।इरफान के परिजनों का आरोप है कि प्रदीप उस लड़की नायाब को अपने घर ले गया। जहां उसका अपने घर पर विवाद हुआ। जिस के संबंध में पड़ोसियों ने विरोध किया तो प्रदीप के घर वालों ने उनके साथ मारपीट की। जिसके बाद पड़ोसी उमा देवी ने पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन पुलिस ने उसमें समझौता करा के मामला रफा दफा करवा दिया। इसके बाद नायाब की मां ने प्रदीप के विरुद्ध तहरीर दी और बताया प्रदीप उसकी बेटी को कहीं ले गया है। इस पर पुलिस प्रदीप के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी थी। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि लड़की को मारकर दफना दिया गया है।

आरोप है कि प्रदीप और नायाब अलग-अलग समुदाय से ताल्लुक रखते थे। इस पर राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते पुलिस ने दबाव में प्रदीप के ट्रैक्टर मालिक इरफान को इस मामले में जोड़ लिया। जिसके बाद नायाब का शव खुदवाने के दौरान उसका एनकाउंटर किया और इरफान को मुख्य आरोपी घोषित कर दिया। जिससे पिता फारुख की मौत के साथ उसके पूरे परिवार में गमगीन माहौल है, और दो भाई सेना में बाड़मेर व लेह में तैनात हैं। इरफान के पूरे परिवार का रो रोकर बुरा हाल है, उसकी बहन चांदनी ने बताया कि उसका भाई निर्दोष है। उसे फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है। इसी वजह से उसके पिता फारुख की भी मौत हो गई और उसकी मां को दो बार अटैक आ चुका है। अगर उसकी मां को कुछ हो गया तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस की होगी। उसने डीएम मंगला प्रसाद सिंह और एसपी राजेश द्विवेदी को प्रार्थना पत्र देते हुए न्यायिक जांच करवा के कार्रवाई की मांग की है, और कहा कि निर्दोष इरफान पर कार्रवाई न की जाये।