घर में दीपक जलाने से घी के माहौल में सकारात्‍मकता आती है ,

रिपोर्ट : डेस्क रीडर टाइम्स
सनातन धर्म में लोग रोजाना सुबह-शाम पूजा-पाठ करते हैं. पूजा में दीपक जरूर जलाए जाता है. बिना धूप-दीप के पूजा पूरी नहीं होती है. लोग मंदिर में भी दीपक जलाते हैं . साथ ही घर के मंदिर में भी दीपक जलाते हैं. शाम के समय तुलसी कोट में दीपक जलाया जाता है. दीपक जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है. दीपक जलाने से माहौल में सकारात्‍मकता आती है. नकारात्‍मक ऊर्जा दूर होती है कई तरह के वास्‍तु दोष दूर होते हैं. लेकिन रोजाना पूजा में दीपक जलाने वाले भी कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे दीपक जलाने का पूरा फल नहीं मिलता है.

दीपक जलाने के नियम
घी या तेल के दीपक जलाने के अलग-अलग लाभ हैं. इसके अलावा अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा में अलग-अलग तेल के दीपक जलाने चाहिए. हर देवी-देवता को प्रसन्‍न करने के तरीके अलग हैं और उनके मनपसंद तरीके से पूजा-पाठ करने से वे जल्‍दी कृपा करते हैं. इसी तरह किन मौकों पर घी का दीपक जलाना चाहिए और कब तेल का दीपक जलाना चाहिए यह जानना भी जरूरी है.

– हमेशा ध्‍यान रखें कि पूजा में घी का दीपक हमेशा अपनी बाईं ओर रखना चाहिए. वहीं तेल का दीपक जला रहे हैं तो उसे अपने दाएं हाथ की ओर रखें. साथ ही दीपक को भगवान से बहुत दूर ना रखें. दीपक में हमेशा इतना तेल या घी रखें कि वह बीच पूजा में ही ना बुझ जाए. दीपक का पूजा के बीच में ही बुझना अशुभ माना जाता है.

– भगवान से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं तो तेल का दीपक जलाएं. घी का दीपक देवी-देवता को समर्पित करने के लिए जलाया जाता है. आर्थिक तंगी से परेशान हों तो देवी दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं, इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.

– वहीं शनि देव को प्रसन्‍न करने के लिए सरसों के तेल या तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए. शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या के कष्‍टों से निजात पाने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना अचूक उपाय है.

– वहीं संकटमोचक हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए चमेली के तेल का दीपक जलाना सबसे शुभ होता है.

– यदि कुंडली में राहु-केतु दोष हो तो उसके अशुभ फल से बचने के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना लाभकारी होता है.
शाम के समय मुख्‍य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि रहती है. ऐसे घर में हमेशा मां लक्ष्‍मी वास करती हैं.