शाहाबाद -उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के बेटे आदि तिवारी ने द्वीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ।

रिपोर्ट – श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़

  • सीमाएं पार अगर कर दीं लाशों के ढेर लगा देंगे नापाक इरादों के प्यादों जिंदा न तुम्हें जानें देंगे- कवि ओमदेव दीक्षित शाहाबादी

शाहाबाद – शनिवार को उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी के सुपुत्र आदि तिवारी के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न श्री रामलीला मेला मोहल्ला पठकाना के मंच से देश भर से पधारे कवियों ने ऐसी समां बांधी कि सबसेकब श्रोतागण मंत्रमुग्ध होकर रह गए। बताते चलें कि सर्वप्रथम आदि तिवारी ने रामलीला अध्यक्ष संजय मिश्रा बबलू व अनिल पाण्डेय पिन्टू के साथ हनुमान जी और मां सरस्वती की प्रतिमा पर द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि आदि तिवारी को विराट कवि सम्मेलन के मुख्य संयोजक पप्पू दीक्षित समेत संयोजक डॉ0 पुनीत मिश्रा ने सप्रेम राम दरबार भेंट करते हुए शॉल ओढ़ाकर राम का पटका पहनाकर सम्मानित किया।

तदुपरान्त बाराबंकी की धरती से पधारी प्रख्यात कवियत्री अंकिता शुक्ला ने सरस्वती वंदना पढ़कर जहां कवि सम्मलेन का शुभारंभ किया, वहीं बाद में उन्हें श्रोतागणों ने इतने मन से सुना कि उनके प्रस्थान के उपरांत भी खासकर युवा वर्ग उनके कोकिल कंठ से वातावरण को सुरम्य बनाने बाले खास गीत को कुछ इस तरह गुनगुनाता नजर आ रहा है। कि दो तुम्हारे नयन दो हमारे नयन, इसके अलावा उन्होंने बेटियों की बेचैनी का हाल कुछ इस तरह पढ़ा कि कब तलक खलती रहेंगी बेटियां। कब तलक मरती रहेगी बेटियां। कोख मां की अंकिता मजबूर है, आग में जलती रहेगी बेटियां। इसी क्रम में देश की राजधानी दिल्ली से पधारे कवि अजय मिश्र दबंग ने अपनी मातृभूमि के मंच पर पूरी दबंगई से वीर रस की रचनाओं से श्रोताओं में कुछ इस तरह जोश भरा कि जिनकी देह पार्थिव भी दुश्मन के भय का कारण थी। जिनके पिस्टल की गोली आजादी का उच्चारण थी।

सारा जीवन न्यौछावर है उस अनमोल जवानी पर, कितने चरखे कुर्वान करूं मैं शेखर की कुर्बानी पर।। इसी श्रंखला में सीतापुर से पधारे संदीप सरस ने पढ़ा कि हमें ये खाली खाली जिंदगी अच्छी नहीं लगती। छलावों से उबाली जिंदगी अच्छी नहीं लगती। हमारा हक हमें दे दो या सब कुछ छीन लो हमसे, हमें बीच वाली जिंदगी अच्छी नहीं लगती। इसके बाद खीरी जिले से पधारे कवि राजेंद्र तिवारी कंटक जी ने पढ़ा कि ये चमन ये सुमन ये पवन ये किरन मेरा दहका बदन मेरे बहके नयन। सीतापुर से पधारे एक और कवि अवनीश त्रिवेदी अभय ने पढ़ा कि जल रहे घर का तमाशा नहीं देखा हमने। साथ चलने का मुनाफा नहीं देखा हमने। हैसियत कुछ भी नहीं आज हमारी लेकिन मांगने वाले का काश नहीं देखा हमने। जंग बहादुर गंज से पधारे सुनीत वाजपेई ने पढ़ा कि रोता हुआ देखकर मां को खुद शहीद रोते होंगे। जैसा छोड़ गए थे हम, अब वैसा हिंदुस्तान कहां। प्रतापगढ़ से पधारे कवि आशुतोष तिवारी आशू ने कुछ इस तरह पढ़ा कि जाड़ा लगता है मुझे जब भी रजाई छीन लेती है। सदा सेहत बनाने को मलाई छीन लेती है।

अंगूठी चेन झुमकी तो कभी साड़ी ले आने को, मेरी पत्नी मेरी सारी कमाई छीन लेती है। इसी क्रम में हरदोई से पधारे और मंच की अध्यक्षता कर रहे कवि सतीश शुक्ल ने कुछ इस तरह पढ़ा कुत्ता कहता शेर से, सुन ले मेरे लाल। तू पिंजरे में कैद है मैं खाता तर मॉल। इसी जनपद से पधारे अभिनव दीक्षित ने पढ़ा बेटियों का बाप बन इतरा रहा हूं प्रश्न मन में है उसे उलझा रहा हूं। इसी जनपद की धरती से अरविंद मिश्रा ने पढ़ा जब तक रहे दुनियां में मेरे चाहने वाले तब तक ही बस जीना अच्छा। हिंदू को काशी, मुस्लिम को मक्का और मदीना अच्छा। ऊंचाई को छूने वाले अक्सर जमीन छोड़ देते हैं जो सबके सुख-दुख को देखें घर में वही नगीना अच्छा।। लखीमपुर से ही पधारे कवि श्रीकांत सिंह ने अपने व्यंग बाणों से श्रोताओं को बहुत छकाया। बरेली से पधारे रोहित राकेश ने न केवल मंच संचालन बहुत सुंदर ढंग से किया बल्कि उन्होने अपनी रचनाओं से ऐसा समां बांधा कि सभी श्रोतागण भावविभोर होकर रह गए। इसी बीच स्थानीय धरती के कवि करुणेश दीक्षित सरल ने पढ़ा कि चांद अकेला नहीं जंचता यदि तारों की अगवानी ना होती। होती अमावस ही जग में यदि चांदनी रात सुहानी ना होती।

इसी स्थानीय धरती के कवि और पत्रकार ओमदेव दीक्षित अजीब शाहाबादी ने अपनी पहचान में कुछ इस तरह चार चांद लगाते हुए पढ़ा कि सीमाएं पार अगर कर दीं, लाशों के ढेर लगा देंगे। नापाक इरादों के प्यादों जिंदा न तुम्हें जानें देंगे। कार्यक्रम के शुभारंभ से लेकर अंत तक सभी कवियों का क्रमशः माल्यार्पण कर उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान कर और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित करने बालों में प्रमुख रूप से कवि सम्मलेन के मुख्य संयोजक पप्पू दीक्षित समेत क्रमशः तीनों संयोजक करुणेश दीक्षित , डॉ0पुनीत मिश्रा के अलावा ऋषिकुमार मिश्रा , मधुप मिश्रा , आशीष मोहन तिवारी, पुष्पेंद्र मिश्रा, विंदेश मिश्रा, एडवोकेट आनंद द्विवेदी , दीपक तिवारी , चंद्र प्रकाश तिवारी , आदि दर्जनों नाम जहां सामने आए , वहीं हरदोई युवा अधिवक्ता संघ की टीम के प्रमुख अधिवक्ता आलोक अवस्थी का नाम भी सुर्खियों में रहा। इतना ही नहीं मोहल्ला पठकाना की एक नवोदित किशोरी आशी मिश्रा का नाम बाराबंकी एवं कानपुर की कवियत्री अंकिता शुक्ला को सम्मानित करने के मध्य सामने आया। इस अवसर पर बहुत से सहयोगीगणों सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण सारी रात उपस्थित रहे।