रिपोर्ट – डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
पाकिस्तान की मीडिया का रुख तो ऐसा ही संकेत कर रहा हैं। कि क्या दोस्ती के नाम पर कर्ज में डूबने कि चीन कि रणनीति को पाकिस्तान ने समझ लिया हैं। पाक कि मीडिया का सवाल चीन और पाक के कारोबार पर हैं। और कहा कि यह दोस्ती तो सिर्फ हमारे घाटे कि ही रही हैं। इस मीडिया ने पाक और चीन के साथ गंभीर सवाल खड़े किए हैं। और इसे ही पाक कि बदहाली कि वजह माना हैं। इस मीडिया में चीन के लिए पाक कुछ हद तक अलग नहीं हैं। वह जो अन्य देशो से चाहता हैं वही वह पाक से भी ले रहा हैं। वह चीज कारोबार में मुनाफा। पाक मीडिया का कहना हैं कि अमेरिका ,यूरोप ,जैसे देशों से कारोबार करना चीन से ज़्यादा बेहतर हैं। यूरोप जैसे देशो से कारोबार करना हैं।
चीन वही देश हैं जिसे पाकिस्तान अपना सदाबहार दोस्त बताता हैं। पाकिस्तान के आलावा भी चीन कई देशो से ट्रेंड सरप्लस में हैं लेकिन अब वे इसे समझ रहे हैं। और कदम उठा रहे हैं इतना ही नहीं चीन भारत से भी ट्रेंड सरप्लस में हैं लेकिन भारत अपनी व्यापारिक नीति को अब तब्दील कर रहा हैं। भारत देश व अन्य देशो में अंतर हैं। चीन से भावनाओ के आधार पर नहीं बल्कि तथ्यों और जरुरत के हिसाब से बात करनी होगी। और पाकिस्तान तो सतर्क होने बजाए चीन से और कर्ज लेता जा रहा हैं। जिससे संकट गहरा हो रहा हैं।