जीवन का दर्पण है संस्कृत भाषा – महेन्द्र मिश्रा

रजनीश सीतापुर
रीडर टाइम्स न्यूज़

भाषा विभाग आधीन उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा वर्ष 2024 के फरवरी मास मे संचालित होने वाली 20 दिवसीय संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन प्रशिक्षु मनोरमा ने सरस्वती वन्दना से किया। तत्पश्चात ध्येय मंत्र हुआ। संस्थान प्रशिक्षक महेन्द्र मिश्रा ने संस्कृत भाषा की उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विश्व संस्कृति एवं विशेष रूप से भारत के संरक्षिका मात्र संस्कृत भाषा ही हैं । संस्थान का उपक्रम प्रशंसनीय हैं। उन्होंने शास्त्र संरक्षण में संस्कृत की मुख्य भूमिका को प्रतिपादित किया। उन्होंने भाषा विज्ञान के अनुसार संस्कृत का महत्व बताया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के प्रशिक्षक महेन्द्र मिश्रा ने किया।

यह कक्षा प्रातः 11 बजे से 12 बजे तक संचालित होगी। प्रथम दिवस उन्होंने शिक्षार्थियों को परिचय तथा सर्वनाम शब्दों को पढ़ाया। समागतों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संस्थान की योजना के विषय में प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी ने विस्तृत रूप बताया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक माह में 3 से 4 हज़ार तक छात्र – छात्राएं संस्कृत भाषा सीख रहे हैं | यह कक्षाएं उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के निदेशक विनय श्रीवास्तव ,प्र. अधिकारी डॉ. दिनेश मिश्र, सर्वेक्षिका डॉ. चंद्रकला शाक्या , प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ मिश्र के नेतृत्व में संचालित हैं , कक्षाओं के निरीक्षण समन्वयक दिव्यरंजन तथा राधा शर्मा ने किया। ओनलाइन माध्यम से संचालित इस कक्षा में 50 छात्रों सहित संस्थान के पदाधिकारी एवं संस्कृतानुरागी इत्यादि समुपस्थित थे। इति वृत्त कथन में महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि निःशुल्क प्रशिक्षण पूरा होने के बाद प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। पंजीकरण हेतु sanskritsambhashan.com लिंक पर जाए। अपने सम्बन्धियों को भी पठनार्थ प्रेरित करें । विभिन्न समय विकल्पों के साथ प्रतिमाह यह बीस दिवसीय कक्षा संचालित होती हैं ।