कन्याकुमारी में ध्यान लगाएगे पीएम मोदी !

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क

  • 30 मई से 1 जून तक पीएम कन्याकुमारी में रहेंगे
  • स्वामी विवेकानंद ने जहा ध्यान किया ,वही ध्यान करेंगे -पीएम
  • 1 जून को चुनाव के आखिरी चरण में 57 सीटों पर वोटिंग हैं
  • प्रचार थमने से पहले 30 मई को पंजाब में रैली करेंगे – मोदी
  • 30 मई कि रात तमिलनाडु के कन्याकुमारी पहुचेगे -पीएम मोदी

लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण के मतदान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी तमिलनाडु का दौरा करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान करेंगे। पीएम मोदी का ये कन्याकुमारी दौरा 30 मई से 1 जून तक का होगा। कभी स्वामी विवेकानंद साधना की थी। पहले भी पीएम मोदी ध्यान साधना करते रहे हैं। केदारनाथ में भी उन्होंने ध्यान लगाया था। माना जाता हैं कि यहां विवेकानंद को भारत माता के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी। प्रधानमंत्री ने 2019 के चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में इसी तरह का ध्यान लगाया था।

पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी में स्थान चुनने का पीएम मोदी का फैसला देश के लिए विवेकानंद के दृष्टि कोण को साकार करने कि उनकी प्रतिबद्धता को दिखाता हैं। उन्होंने बताया कि जिस चट्टान पर प्रधान मंत्री ध्यान करेंगे। उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था। और यह भिक्षु के जीवन में गौतम बुद्ध के लिए सारनाथ के सामान ही महत्त्व रखता हैं पूरे देश में घूमने के बाद विवेकानंद यही पहुंचे थे और तीन दिनों तक ध्यान किया था। उन्होंने यहां विकसित भारत का सपना देखा था।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अंतिम चरण के मतदान के समय पीएम मोदी के करदारनाथ गए थे। उस दौरान उन्होंने शिवाजी के प्रतापगढ़ का दौरा किया था। एक जून को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान होना हैं। आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार इससे पहले 30 मई को सुबह 11 बजे पीएम मोदी होशियारपुर में चुनावी सभा को सम्बोधित करेंगे ,इसके बाद वह तमिलनाडु जाएगे। और वही रात में विश्राम करेंगे।

कन्याकुमारी जाकर राष्टीय एकता का संकेत देंगे -पीएम मोदी
इस यात्रा को लेकर पीएम मोदी कन्या कुमारी जाकर राष्टीय एकता का संकेत दे रहे हैं। यह तमिलनाडु के प्रति पीएम कि गहरी प्रतिबद्धता और प्रेम को भी दर्शाता हैं। कि वह चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का दौरा कर रहे हैं। हालाँकि पीएम मोदी चुनाव प्रचार के आखिरी में आध्यात्मिक यात्राएं करने के लिए जाने जाते हैं।