रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
- आतिशी मार्लेना ने सोमवार को दिल्ली की कमान संभाली
- आतिशी ने केजरीवाल के लिए सीएम की कुर्सी खाली छोड़ी
- बीजेपी ने आतिशी के इस निर्णय को संविधान का अपमान बताया
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाल लिया हालांकि सीएम दफ्तर में आतिशी ने वह कुर्सी खाली रखी है। जिस पर कभी अरविंद केजरीवाल बैठते थे …..अगर धार्मिक मान्यता के हिसाब से देखें तो वर्तमान समय कलयुग का है और एक खास दल यानी “आम आदमी पार्टी” के बड़े नेता छोटे नेता और कार्यकर्ता भगवान राम और भरत की बात कर रहे हैं। इस तरह की बात क्यों की जा रही है उसे समझाने से पहले दिल्ली की नई सीएम आतिशी ने सीएम का पदभार संभालने के बाद क्या कहा पहले उसे जानिए। दिल्ली की सीएम आतिशी पदभार संभालने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कह रही थी और पहली लाइन कुछ इस तरह शुरू किया …आज मेरे मन की व्यथा बिल्कुल भरत जी की तरह है। जिस तरह से भगवान श्री राम के वनवास के बाद भरत जी ने 14 साल तक खड़ाऊ हो रखकर अयोध्या की शान सत्ता संभाली… ठीक वैसे ही वह भी अगले 4 महीने के लिए दिल्ली की सत्ता संभाल रही है। मुझे विश्वास है कि अब दिल्ली वाले केजरीवाल जी को विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से विजई बनाकर फिर से कम बनाएंगे तब तक यह मुख्यमंत्री की कुर्सी जो केजरीवाल जी का इंतजार करेगी।
केजरीवाल के इस्तीफा के बाद मुख्यमंत्री बनी आतिशी ने कहा कि …आम आदमी पार्टी को प्रमुख ने भगवान राम की तरह मर्यादा और नैतिकता की मिसाल कायम की है …उन्होंने कहा भगवान राम ने अपने पिता के एक वचन को निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया इसलिए हम उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं।
आतिशी ने कहा मुझे विश्वास है कि.. फरवरी में होने वाले चुनाव दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल को जिताकर दोबारा सीएम बनाए उन्होंने कहा पिछले 2 साल से भाजपा ने अरविंद केजरीवाल की छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी उन्हें 6 महीने के लिए जेल में दाल दिया गया था कोर्ट ने यहां भी कहा कि एजेंसी ने दुर्भावना पूर्ण इरादे से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया।
भाजपा ने बताया संविधान का मजाक –
भाजपा ने कहा संविधान का मखौल है उन्होंने एक्स पर लिखा… दिल्ली में यह ड्रामा बंद होना चाहिए आज आतिशी मार्लेना ने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में एक खाली कुर्सी रखकर पदभार संभाला यानी आतिशी दिल्ली सरकार की मनमोहन सिंह है और असली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिसे सुप्रीम कोर्ट ने फाइल साइन करना तो दूर दिल्ली सचिवालय जाने से भी रोक दिया। यह बाबा साहब के बनाए संविधान का मखौल है। मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ आतिशी मार्लेना ने ली है। खाली कुर्सी पर बैठे केजरीवाल के भूत ने नहीं।