बीजेपी में दिल्ली सांसदों ने अपने घर का पता बदल लिया

रीडर टाइम्स न्यूज़ डेस्क
दिल्ली में एक बार फिर सड़कों के नाम बदलने को लेकर विवाद खड़ा हो चुका है …

दिल्ली में नाम बदलने की राजनीति एक बार फिर गरमा गई। बीजेपी राज्यसभा सांसद डॉक्टर दिनेश शर्मा और सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने तुगलक प्लेन पर स्थित अपने घर की नेम प्लेट में स्वामी विवेकानंद मार्ग लिख दिया। जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई। हालांकि अभी आधिकारिक रूप से सड़क का नाम नहीं बदला गया।

उन्होंने इसकी जानकारी गुरुवार को एक्स पर दी थी , उन्होंने एक्स पर लिखा आज नई दिल्ली स्थित नए आवास स्वामी विवेकानंद मार्ग तुगलक लेन में सापरिवार विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर गृह प्रवेश किया । इसके साथ उन्होंने तस्वीर भी शेयर की जिसमें एक में पते के तौर पर स्वामी विवेकानंद मार्ग लिखा दिखता है।

यहां फैसला भाजपा की दिल्ली में बनी सरकार की लाइन पर ही दिखता है नई सरकार ने प्रस्ताव रखा की नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ कर दिया जाए। इसके अलावा मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरम किया जाए और मुस्तफा बाद का नाम बदलकर शिवपुरी कर दिया जाए। इस बीच लुटियन दिल्ली में भी केंद्रीय मंत्री और सांसद ने खुद ही अपने नेम प्लेट में नाम लिख दिया हालांकि तुगलक नाम भी हटाया नहीं गया है।

इस मामले पर बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा कहते हैं कि मुझसे पूछा गया कि कैसी नेम प्लेट चाहिए मैंने बोला जैसी वह आसपास लगी हो वैसे ही लगा दो उन्होंने बताया कि नेम प्लेट पर विवेकानंद मार्ग के साथ तुगलक लेन भी लिखा है आप गूगल में सर्च करेंगे तो विवेकानंद मार्ग आता है। उन्होंने कहा कि मैं 11 साल महापौर रहा हूं मुझे पता है नाम बदलकर नगर और राज्य सरकार का काम है कोई सांसद नाम नहीं बदल सकता अगर कोई नाम बदलने का प्रस्ताव पर प्रारित करेगा उसका स्वागत है।

कैसे बदलता है सड़कों का नाम
दिल्ली में किसी सड़क या जगह का नाम रखने के संबंध में एक प्रस्ताव नई दिल्ली एनडीएमसी को भेजा जाता है यह प्रस्ताव विदेश मंत्रालय एनजीओ या स्थानीय लोगों की ओर से दिया जा सकता है प्रस्ताव मिलने के बाद इसे और डीएमसी के जनरल विभाग के पास भेजा जाता है। इसके बाद एनडीएमसी की एक13 सदस्यों की कमेटी इस प्रस्ताव पर विचार करती है। यह कमेटी नाम बदलने या नाम रखने का काम ही देखते आखिर में जब किसी प्रस्ताव को मंजूर किया कर लिया जाता है तो उसकी जानकारी और डीएमसी के पोस्ट मास्टर जनरल को दी जाती किसी सड़क या जगह का नाम बदलने को लेकर गृह मंत्रालय की एक गाइडलाइन है। इसका पालन करना जरूरी होता है मसलन किसी सड़क या जगह का नाम रखने के लिए स्थानीय लोगों की भावनाओं का ध्यान रखना होता है। इसके अलावा किसी सड़क या जगह का नया नाम रखने पर कोई भ्रम ना हो इसका ध्यान भी रखा जाता है।