रीडर टाइम्स डेस्क
वैसे तो आपने कई बार सुना होगा कि नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों को भोग के रूप में फल ,खीर और अपने हाथ से बनाया वह शुद्ध भोजन चढ़ाया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि कोलकाता के प्राचीन मंदिर में माता काली को कई तरह की चाइनीस फूड चढ़ाया जाता है । मानता है कि इस मंदिर में धूप और पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं इसलिए यहां मां काली के दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते हैं …

- भारत देश हमारी संस्कृति के लिए जाना जाता है
- यहां आने को मंदिर और अलग-अलग प्रकार की मान्यताएं हैं
- भारत में पूजा पाठ का अपना एक विशेष स्थान है
हमारे देश में मंदिरों की कोई कमी नहीं जहां आएंगे आपको किसी न किसी देवी देवता का मंदिर मिल जाएगा। ऐसे में एक मंदिर ऐसा भी है जहां मां काली की पूजा होती और यहां प्रसाद के तौर पर माता को नूडल्स और मोमोज चढ़ाया जाता है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित है जिसे चाइनीस काली मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में मां काली की पूजा होती है। मंदिर के अंदर आपको मां काली के अलावा भगवान शिव की भी मूर्तियां मिलेंगे। मंदिर में लोग हर दिन पूजा पाठ करने के लिए आते फल फूल जैसे सामान्य प्रसाद के अलावा यहां पर मां काली का नूडल्स मोमोस के साथ अन्य चाइनीस फूड का भोग लगाया जाता है।
क्यों चढ़ता है मां काली को चाइनीस खाना –
यह काली मंदिर बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक जगह पर स्थित है इस चीनी टाउन के नाम से भी जाना जाता है आपको बता दे कि चीन गृह युद्ध के दौरान यहां चीन के कई लोग शरणार्थी बनकर रहने लगे और उन्होंने चीन की प्रथा के समान इस मंदिर में काली माता को नूडल्स चढ़ना शुरू कर दिया। इसके बाद यह परंपरा भोग के रूप में विकसित हुई। जिसे आज भी प्रसाद के रूप में परोसा जाता है। आपको बता दे प्रसाद के रूप में नूडल्स परोसने की यह अनूठी परंपरा काली मंदिर का एक प्रिय हिस्सा बन गई है। चाइनीस प्रसाद काली मंदिर की परंपरा आस्था और भक्ति की स्थाई शक्ति का प्रमाण का प्रतीक है इस भोग को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान सिर्फ प्रेम के भूखे हैं उन्हें प्यार से कुछ भी भेट किया जाए तो वह स्वीकार करते हैं यही वजह है कि आज भी यहां पर इन चाइनीस प्रसाद का चलाना जिसे नूडल चौकसी और फ्राइड राइस मोमोज आदि को शामिल किया गया है।