कहीं अलविदा तो कहीं पढ़ी गई जुमे की नमाज

रिपोर्ट : नफीस अहमद ,रीडर टाइम्स

NAMAAJ FINAL
बिलग्राम/ हरदोई : पवित्र रमजान के महीने में आखिरी जुमे को अलविदा की नमाज अदा की जाती है जिसमें रोज़े रखने वाले इस पवित्र रमजान के आखिरी जुमे को विदाई के रूप में पढ़ते हैं और इमाम साहब अलविदा ओ अलविदा या शहरू रमजान का खुतबा गमगीन होकर रमज़ान के जाने के गम में पढते हैं । क्योंकि रमजान के महीने की बरकते और सवाब दूसरे अन्य महीनों के मुकाबले में सत्तर गुना बढ़ा दिया जाता है और इस महीने खुदा की खास रहमतें अपने बंदो पर नाजिल होतीं हैं ।

इसलिए इसके जाने के गम में अलविदा पढा जाता है। वैसे इस वर्ष बिलग्राम के आसपास  क्षेत्र के गांव तथा शहरों में अलग अलग रमजान की शुरुआत हुई थी। जिस कारण इस बार बहुत सी मस्जिदों में अलविदा की नमाज़ न अदा कर बल्कि जुमा पढाया गया है। बिलग्राम से लेकर गांव देहातों में भी जहां दो मस्जिदें और दो अकायद के लोग  हैं । ऐसी सभी जगहों पर एक मस्जिद में अलविदा तो दूसरी मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई खास तौर पर देवबंदी मसलक के लोगों ने इस बार पहले रोजे रखने आरंभ किये और बीते शुक्रवार को अलविदा की नमाज़ को अदा किया ।जबकि बरेलवी मसलक के लोगों ने एलान कर पंद्रह तारीख को यानी आने वाले जुमे को अलविदा पढने का एलान किया है ।

उनके मुताबिक रमजान का आखिरी जुमा पंद्रह जून को है । इसलिए आने वाले जुमे को अलविदा की नमाज अदा की जायेगी।  बिलग्राम के अलावा रहुला दिवाली रोशनपुरा हीरापुर काईमऊ सखेडा आदि गांवों में आधे लोगों ने जुमा तथा अन्य लोगों ने अलविदा पढा। मुस्लिमों के नमाज पढ़ने के दौरान हर जगह सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौबंद दिखी और हर मस्जिद के बाहर पुलिस के जवान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैनात दिखाई दिये।