Home Breaking News सरहद पर फिर हुआ संघर्ष विराम का उल्लंघन 25 सुरक्षाकर्मी शहीद, पाक के ना-पाक इरादे
सरहद पर फिर हुआ संघर्ष विराम का उल्लंघन 25 सुरक्षाकर्मी शहीद, पाक के ना-पाक इरादे
Jun 14, 2018

सरहद पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हरकत अब पूरी दुनिया के सामने आ गया है | इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में सीमापार से की गई फायरिंग में बीएसएफ के 11 जवान-अफसर शहीद हो चुके हैं। पड़ोसी मुल्क की कथनी और करनी में फर्क का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच वर्षों की तुलना में 2018 में जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं में तीन सौ फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते इस वर्ष सुरक्षा बल (बीएसएफ) के काफी जवान पाकिस्तान की फायरिंग में शहीद हुए।
यह पिछले पांच साल में इस समयसीमा में बीएसएफ के शहीदों की सर्वाधिक संख्या है। इन्हें मिलाकर इस साल अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा के पार पाक फायरिंग में 51 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 25 सुरक्षाकर्मी हैं। करीब छह माह में संघर्ष विराम उल्लंघन की 300 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं।

29 मई को भारत-पाक के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने फोन पर बातचीत की थी। पाक ने शस्त्र विराम सच्चे ढंग से लागू करने का वादा किया। चार जून को जम्मू की ऑक्ट्राय चौकी पर 15 मिनट तक बीएसएफ व पाक रेंजर्स के सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई। इसमें पाक ने वादा किया कि वह सीमापार फायरिंग शुरू नहीं करेगा, बीएसएफ कमांडेंट ने कहा था कि जब उकसाया जाएगा तो ही वह बदला लेगा।
सीमापार फायरिंग का 2014 से 2018 लेखाजोखा :-
वर्ष संघर्ष विराम उल्लंघन शहीद सैनिक
2018 300 25
2017 111 02
2016 204 03
2015 350 01
2014 127 02
2017 में सीमापार फायरिंग में कुल 111 घटनाएं सामने आई थीं, जबकि वर्ष 2016 में 204, 2015 में 350 और 2014 में 127 मामले सामने आए। पिछले साल गोलीबारी से सीमा सुरक्षा में लगे दो जवानों की मौत हुई थी, जबकि सात अन्य घायल हुए थे। 2016 में इसी तरह की घटनाओं में बीसीएफ के तीन जवान मारे गए थे, जबकि 10 अन्य घायल हुए थे।
इसी तरह 2015 मेँ एक बीएसएफ जवान की मौत हो गई थी और पांच घायल हो गए थे। 2014 में बीएसएफ को दो लोगों की मौत हो गई थी और 14 घायल हो गए थे। बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई के लिए रुस्तम, अर्जुन और भीम नाम से तीन अभियान शुरू किए थे।
एक अधिकारी के मुताबिक, पिछले नौ दिनों से रमजान के दौरान जम्मू की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिछले नौ दिनों से सीजफायर के चलते हालात कुछ शांत हैं लेकिन पिछले दिनों पाकिस्तान की तरफ से हुई कुछ घटनाओं ने इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं।