परिंदा भी नहीं मार सकता है पर, ऐसी है PM मोदी की 6 लेयर वाली अभेद्य सुरक्षा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा में कई बदलाव किए गए हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम की सुरक्षा का रिव्यू लिया। जिसके बाद स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) को कुछ निर्देश जारी किए गए हैं। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की इजाजत के बिना अब उनके नजदीक मंत्री और अफसर भी नहीं जा सकेंगे।

 

इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को अभेद्य कर दिया गया है। एसपीजी चाहे तो मोदी के मंत्रियों की भी तलाशी ले सकती है। इसके अलावा गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को पीएम मोदी को होने वाले अज्ञात खतरे को लेकर खत लिखा है। इसके तहत पीएम की सुरक्षा को और सख्त बनाया गया है।

 

इलाके में 10 एंटी लैंडमाइन व्हीकल सहित 100 एसपीजी के जवान सुरक्षा की जिम्मेदारी देखेंगे, हाल में माओवादी घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा और बढ़ाई गई है और करीब 10 किलोमीटर के दायरे में 15 सौ से अधिक जवान नियमित एरिया डोमिनेशन कर रहे हैं, डीआईजी स्तर के दो आला अफसरों को नियमित तौर पर बीजापुर में तैनात किया गया है जबकि पूरे बस्तर में भी इस दौरान विशेष तौर पर अलर्ट रखा गया है |

दरअसल 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री के बीजापुर दौरे से पहले नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया था, यहां आईआईडी ब्लास्ट में दो जवान शहीद हुए थे, वहीं छह जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे, यह घटना कुवेनार और तुमनार के बीच हुई थी, जब जवान गश्त से वापस लौट रहे थे |

 

 

उसी दिन नक्सलियों ने किया एक के बाद एक बीजापुर-भोपालपट्टनम मार्ग में सीरियल ब्लास्ट कर इलाके को दहलाया, कोडेपाल के पास सीरियल ब्लास्ट किए गए, यहां भी ब्लास्ट के बाद पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें एक जवान जख्मी हो गया था |

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आसपास 8 लेयर का सुरक्षा घेरा होगा. कार्यक्रम स्थल से 15 किलोमीटर क्षेत्रफल में तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा, पहले में आईबी, दूसरे में पैरा मिलिट्री और तीसरे में छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान तैनात रहेंगे |

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा में कई बदलाव किए गए हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पीएम की सुरक्षा का रिव्यू लिया। जिसके बाद स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) को कुछ निर्देश जारी किए गए हैं। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की इजाजत के बिना अब उनके नजदीक मंत्री और अफसर भी नहीं जा सकेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को अभेद्य कर दिया गया है। एसपीजी चाहे तो मोदी के मंत्रियों की भी तलाशी ले सकती है। इसके अलावा गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को पीएम मोदी को होने वाले अज्ञात खतरे को लेकर खत लिखा है। इसके तहत पीएम की सुरक्षा को और सख्त बनाया गया है।

 

प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा के दौरान 108 एनएसजी कमांडो तैनात होते हैं। यह सुरक्षा कई लेयर में होती है। इतना ही नहीं विदेश दौरे के दौरान उड़ान भरते वक्‍त प्रधानमंत्री को एयरफोर्स सुरक्षा मुहैया कराती है। उड़ान से पहले एयरपोर्ट पर दो विमान खड़े रहते हैं। अगर एक दिक्‍कत करे तो दूसरे से उड़ान भरी जा सके। उड़ान और लैंडिंग के वक्‍त पूरा क्षेत्र नो फ्लाई जोन घोषित होता है। प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में तैनात एक हजार जवान अभेद्य किले की तरह हैं।

 

एनएसजी के कमांडो उन्‍हें जेड प्‍लस सुरक्षा घेरे में रखते हैं। प्रधानमंत्री के सरकारी आवास की सुरक्षा के लिए 500 जवान हर वक्‍त मुस्‍तैद होते हैं। यह सुरक्षा भी लेयर में होती है। आवास में प्रवेश करने वालों की गहरी छानबीन की जाती है। पीएम की सुरक्षा में तैनात जवान एफएन- 2000, पी-90, ग्लॉक 17-19 और एफएन-5 व 7 जैसे हथियारों से लैस रहते हैं। ये जवान अपने हथियारों से एक मिनट के भीतर आठ सौ तक गोलियां दाग सकते हैं। प्रधानमंत्री के पास खास किस्‍म की बुलेटप्रुफ कार होती है।

 

उनके काफीले में दो डमी कारें भी मुख्‍य कार के आगे-पीछे चलती हैं। उनके काफीले में छह बीएमडब्‍लू एक्‍स थ्री कारें, मर्सिडीज बेंच की एंबुलेंस, टाटा सफारी के जैमर वाहन के अलावा दिल्‍ली पुलिस के एस्‍कार्ट वाहन शामिल है। ये सभी कारें खास सुरक्षा उपकरणों से लैस होती हैं।

 

 

बंदूक की गोलियों तो दूर इन पर लैंड माइन तक का असर नहीं होता। इन कारों का फ्यूल टैंक लैंड माइन फटने या बम से किए गए हमले के बाद भी ब्‍लास्‍ट नहीं हाेता है। इन कारों का चैंबर गैस प्रूफ होता है। यह रासायनिक हमलों होने पर पूरे चैंबर में आक्‍सीजन की सप्‍लाई करता है। विशेष सुरक्षा बल से स्वीकृति के बिना अब कोई मंत्री और अधिकारी भी प्रधानमंत्री मोदी के आसपास भी नहीं जा सकेगा।

 

 

प्रधानमंत्री की नजदीकी सुरक्षा टीम (सीपीटी) को नए-दिशा निर्देश दिए गए हैं। साथ ही कहा गया है कि अधिक खतरे की स्थिति और निर्देशों को देखते हुए अगर जरूरत पड़े तो वह किसी मंत्री या अधिकारी की बाकायदा तलाशी भी ले सकते हैं।

 

मोदी के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सुरक्षा के नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गृह मंत्रालय ने यहां तक कह दिया है कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की क्लियरेंस के बगैर प्रधानमंत्री के नजदीक मंत्री और अफसर भी नहीं जा सकेंगे। पीएम को कड़े सुरक्षा मानकों के चलते आगामी चुनावों के मद्देनजर रोड शो के बजाय जनसभाएं करने की सलाह दी गई है। संबंधित अधिकारियों के अनुसार प्रधानमंत्री पर हमले का अब तक का सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

 

2019 के आम चुनावों के मद्देनजर वह सबसे अधिक निशाने पर हैं। ऐसा समझा जाता है कि एसपीजी ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दी है कि वह सत्तारूढ़ भाजपा के मुख्य प्रचारक होने के नाते अपने रोड शो में कटौती करें। इसके बजाय प्रचार अभियान के लिए वह जनसभाओं को अधिक संबोधित करें, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान उनके लिए खतरा बढ़ सकता है।