टैक्स रिटर्न भरने के लिए आज ही जुटा लें ये डॉक्यूमेंट, 31 जुलाई तक नहीं भरा ITR, तो भरनी पड़ सकती है पेनल्टी

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नई दिल्‍ली:- आयकर रिटर्न दाखिल करना काफी कठिन कार्य माना जाता है। यह देखा जाता है कि अधिकांश लोग एकदम आखिरी समय मे ही इसे दाखिल करने के लिए जल्दबाजी करते हैं। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, ताकि आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को सहूलियत हो। समृद्धि एवं आय बढ़ने के साथ ही आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2018 है।

सबसे पहले अपनी पैन नंबर और आधार नंबर की जानकारी जुटा लें। इसके बाद देश और विदेश में मौजूद एसेट्स की जानकारी जुटानी होगी। इसके बाद आप अपनी आय से जुड़े डॉक्यूमेंट जुटा लें। इसमें डिविडेंड से अगर कोई आय है तो उसकी जानकारी आपको होनी चाहिए। अगर आप कारोबार करते हैं तो बैलेंसशीट, पी एंड एल अकाउंट स्टेटमेंट और ऑडिट रिपोर्ट से जुड़े डॉक्यूमेंट एक जगह रख लें। इसके बाद अपने सभी बैंक अकाउंट की जानकारी जुटा लें। इन सभी बैंक के स्टेटमेंट ऑनलाइन डॉउनलोड कर लें। इसमें आपको साल भर के दौरान ब्याज से हुई आय की जानकारी लग जाएगी। इतना होने के बाद अपने टैक्स से जुड़े डॉक्यूमेंट खोजना शुरू कर दें। इसमें पिछले साल के इनकम टैक्स रिटर्न की कॉपी, टीडीएस सर्टिफिकेट शामिल हैं।

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अगर आपने किसान विकास पत्र या नेशनल सेविंग स्कीम जैसी छोटी बचत योजना में निवेश किया है तो उनके सर्टिफिकेट भी एक फाइल में रख लें। साल भर के दौरान अगर आपने कोई प्रॉप्रटी खरीदी है तो उसकी सेल डीड और प्रॉप्रटी रजिस्ट्रेशन के डॉक्यूमेंट जुटा लें। अगर रेंटल आय है तो लीज डीड भी आपके पास होनी चाहिए। अगर किसी का होम लोन चल रहा है उसका छूट के लिए उसका स्टेटमेंट आपके पास होना चाहिए। म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबूत भी होना चाहिए। इसके अलावा इंश्योरेंस की रसीदें, मेडिकल इंश्योरेंस के प्रीमियम की रसीदें और डीमैट अकाउंट का ट्रेडिंग का स्टेटमेंट भी होना चाहिए। साल के दौरान अगर आपने किसी को दान दिया है तो उसकी रसीद भी रख लें। अगर आपने ये सभी डॉक्यूमेंट जुटा लिए तो आप आसानी से रिटर्न भर पाएंगे और आपको कोई परेशानी नहीं होगी।

अगर सूत्रों की माने तो पहले लोगों को अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए मीलों लंबा सफर करना पड़ता था, तथा घंटों लंबी कतारों में खड़े रहना पड़ता था। लेकिन कुछ वर्षों पहले आयकर विभाग ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया, जिससे लोगों को सगुमता हो सके। इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन तरीके से आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को ई-फाइलिंग भी कहा जाता है। इससे कर देने वालों को काफी सरलता पहुंची है। अब वो किसी भी समय, दुनिया के किसी भी कोने से अपना आयकर रिटर्न जमा कर सकते हैं।

कर के दायरे में आने वाले लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए तथा ऑनलाइन फाइलिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र तथा राज्य सरकारों ने तय किया है कि वो अपने अधिकांश करों का भुगतान ऑनलाइन तरीके से लेंगी। इसमें मुख्यतः आयकर, अन्य प्रकार के कर, उत्पादन शुल्क तथा वैट शामिल हैं। वर्तमान में सभी कंपनियों तथा फर्म के लिए अनुच्छेद 44एबी के तहत सांविधिक ऑडिट तथा आयकर रिटर्न को ई-फाइल करना आवश्यक है। ई-फाइलिंग की सुविधा न्यासों के अलावा सबके लिए उपलब्ध की जा चुकी है।