20 महीने बाद भी रतन टाटा के सामने ‘हारे’ सायरस मिस्त्री, टाटा संस से सस्पेंशन को NCLT ने ठहराया जायज़

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साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद शुरू हुए विवाद को लेकर नेशनल कंपनी लॉ ट्र‍िब्यूनल (NCLT) का फैसला आ गया है| सोमवार को एनसीएलटी ने रतन टाटा के हक में फैसला सुनाया है| एनसीएलटी ने साइरस मिस्त्री की याचि‍का को खारिज कर दिया है| सायरस मिस्त्री ने चेयरमैन पद से हटाए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी| यह विवाद करीब 20 महीने से चल रहा था| सायरस मिस्त्री पर जानकारी लीक करने का आरोप था| ट्रिब्यूनल ने कहा कि टाटा संस के निदेशक मंडल और उसके सदस्यों को साइरस मिस्त्री पर भरोसा नहीं रह गया था|

ट्रिब्यूनल की मुंबई स्थित मुख्य बेंच ने फैसले में कहा, ‘‘मिस्त्री के इस दावे का कोई आधार नहीं है कि उन्हें टाटा सन्स बोर्ड के गलत प्रबंधन और अल्पसंख्यक शेयरधारकों की अनदेखी करते हुए हटाया गया। मिस्त्री को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने कंपनी से जुड़ी अहम सूचनाएं आयकर विभाग को भेज दीं। उन्होंने मीडिया में जानकारी लीक की और कंपनी के शेयरधारकों और बोर्ड के खिलाफ खुलकर सामने आ गए। टाटा सन्स बोर्ड के ज्यादातर सदस्यों का उन पर भरोसा खत्म हो चुका था।’’

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बता दें कि टाटा संस के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था| इसके साथ ही साइरस को ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी बाहर निकलने के लिए कहा गया था| इसके बाद ही साइरस ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दे दिया था| इसके साथ ही वह एनसीएलटी भी पहुंच गए थे|

शापूरजी ग्रुप के एमडी थे मिस्त्री : सायरस, पालोनजी मिस्त्री के बेटे हैं। शापूरजी पालोनजी ग्रुप के एमडी सायरस ही थे। इसके साथ ही 2006 से टाटा के बोर्ड में डायरेक्‍टर थे। तीन साल की खोज के बाद 28 दिसंबर 2012 को सायरस को रतन टाटा की जगह टाटा ग्रुप का छठा चेयरमैन बनाया गया था। 2014-15 में टाटा ग्रुप का टर्न ओवर 108 अरब डॉलर था, जो 2015-16 में घटकर 103 अरब डॉलर रह गया। इसे भी मिस्त्री को हटाए जाने की बड़ी वजह माना गया था। यह भी कहा जा रहा था कि टाटा संस अपने ग्रुप की नॉन-प्रॉफिट बिजनेस वाली कंपनियों से ध्यान हटाने की मिस्त्री की सोच से नाखुश थी।

बोर्ड के पास पद से हटाने का अधिकार
एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा कि बोर्ड के पास पद से हटाने का अधिकार है. एनसीएलटी ने रतन टाटा के खिलाफ लगाए गए आरोप को खारिज किया है| एनसीएलटी ने कहा कि टाटा ग्रुप मैनेजमेंट में कोई गड़बड़ी नहीं है|