Home  Breaking News  ट्रम्प ने दूसरी बार जर्मनी को निशाने पे लिया, कहा जर्मनी पूरी तरह से रूस पे नियंत्रित 
                               ट्रम्प ने दूसरी बार जर्मनी को निशाने पे लिया, कहा जर्मनी पूरी तरह से रूस पे नियंत्रित
                                Jul 12, 2018
                                                                
                               
                               
                                
जर्मनी और अमेरिका एक बार फिर आमने-सामने हो गए। डोनाल्ड ट्रंप बुधवार और गुरुवार के लिए निर्धारत नाटो शिखर सम्मेलन के लिए मंगलवार शाम ब्रसेल्स पहुंचे, इसके बाद उनके ब्रिटेन का दौरा करने और उसके बाद फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना है |
 
 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार शाम ब्रसेल्स में नाटों नेताओं की बैठक में जर्मनी के खिलाफ खुलकर अपनी बाते कहीं। ट्रम्प ने कहा, ‘‘एक तरफ हम आपकी रूस से और बाकी देशों से हिफाजत करते हैं, दूसरी तरफ आप रूस से अरबों डॉलर की डील कर लेते हैं। आप तो रूस को अमीर बना रहे हैं। जर्मनी पूरी तरह से रूस के नियंत्रण में है। रूस ने जर्मनी को बंधक बना रखा है। ये ठीक नहीं है।’’ ट्रम्प ने जब यह टिप्पणी की, उस वक्त जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल मौजूद नहीं थीं।
 

डोनाल्ड ट्रम्प ने 29 देशों के सैन्य संगठन नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग के साथ ब्रेकफास्ट मीटिंग में कहा, ‘‘बहुत दुख की बात है कि जर्मनी ने रूस के साथ तेल और गैस की एक बड़ी डील की है। ये सही नहीं है। जर्मनी के 70% नैचुरल गैस सेक्टर पर रूस का नियंत्रण हो जाएगा। ये नहीं होना चाहिए।
 
ट्रंप ने मंगलवार शाम को ट्वीट कर कहा, “यूरोपीय संघ ने यूरोप में हमारे मजदूरों, कर्मचारियों और कंपनियों के लिए व्यापार करना असंभव बना दिया है, और इसके बाद वे चाहते हैं, कि हम खुशी-खुशी नाटो के जरिए उनकी सुरक्षा करते हैं, और शालीनता से इसका भुगतान भी करते रहें |
 

ट्रंप ने बर्लिन पर रूस के चंगुल में होने का आरोप लगाकर जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के खिलाफ तीखी टिप्पणी करने के बाद यह आश्चर्यजनक मांग रखी, यूरोप और अमेरिका के आरोप-प्रत्यारोप के कारण ब्रसेल्स का यह दो दिन का सम्मेलन गठबंधन के लिए सबसे मुश्किल समय साबित हो रहा है | नाटो के सदस्य देश 2014 के वेल्स सम्मेलन में 10 वर्षों में अपनी जीडीपी का दो फीसदी रक्षा पर खर्च करने को लेकर सहमत हुए थे, लेकिन व्हाइट हाउस के मुताबिक ट्रंप इसे पर्याप्त नहीं मानते और उन्होंने रक्षा पर जीडीपी का चार प्रतिशत खर्च करने की मांग की |
 
 
आपको बता दें कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश जर्मनी सुरक्षा गठबंधन पर GDP का 1.24 प्रतिशत खर्च करता है, जबकि 2014 में फैसला GDP का दो प्रतिशत खर्च करने पर हुआ था, अमेरिका अपने जीडीपी का 3.5 प्रतिशत सुरक्षा पर खर्च करता है | जवाब में मर्केल ने कहा है कि वह रूस के प्रभाव में काम नहीं करतीं | जर्मनी स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, वह अपने हितों के मुताबिक नीतियां बनाता है |