राफेल डील पर अनिल अंबानी ने राहुल को लिखा खत- खारिज किया अनुभव की कमी का आरोप

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राफेल डील को लेकर रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को खत लिखा था। खत में अनिल ने अपनी कंपनी के अनुभव को लेकर लगाए गए आरोपों को नकारा था। कि उनके रिलायंस समूह के पास राफेल लड़ाकू जेट सौदे के लिए अनुभव की कमी है| अंबानी ने यह भी कहा कि फ्रांसीसी समूह डसॉल्ट द्वारा उनकी कंपनी को स्थानीय भागीदार के रूप में चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है| अनिल ने राहुल को बताया कि उनकी कंपनी के पास जरूरी अनुभव है और वह रक्षा उत्पादन के कई क्षेत्रों में अग्रणी है।

अंबानी ने यह पत्र 12 दिसंबर, 2017 को लिखा था| इसमें अंबानी ने गांधी को यह स्पष्ट किया था कि उनके रिलायंस समूह को अरबों डॉलर का यह सौदा क्यों मिला है| उल्लेखनीय है कि राफेल सौदे को लेकर राहुल गांधी लगातार सरकार पर हमला कर रहे हैं| पीढ़ियों से गांधी परिवार के साथ अपने ‘सम्मान वाले संबंधों’ का जिक्र करते हुए अंबानी ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं द्वारा उनके तथा समूह के खिलाफ बयानों से दुखी हैं| दो पृष्ठ के पत्र में अंबानी ने लिखा है, “ने केवल हमारे पास जरूरी अनुभव है बल्कि रक्षा विनिर्माण के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हम सबसे आगे हैं|”

डसॉल्ट ने रिलायंस डिफेंस को साझेदार के रूप में चुना: अनिल ने लिखा, “रिलायंस डिफेंस के पास गुजरात के पिपावाव में प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा शिपयार्ड है। हम मौजूदा समय में भारतीय नौसेना के लिए 5 ऑफशोर पेट्रोलिंग वेसल और भारतीय तटरक्षकों के लिए 14 फास्ट पेट्रोलिंग वेसल बना रहे हैं। फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदे जा रहे हैं, जो डसॉल्ट की उत्पादन यूनिट से तैयार स्थिति में भारत भेजे जाएंगे। भारतीय वायु सेना या किसी भी भारतीय कंपनी का इसमें कोई रोल नहीं है। डसॉल्ट ने रिलायंस डिफेंस को साझीदार के रूप में ऑफशोर और एक्सपोर्ट की जरूरतें पूरा करने के लिए चुना। यह दो निजी कंपनियों का एक स्वतंत्र समझौता है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। ये साझा उपक्रम देश में हजारों रोजगार पैदा करेगा। स्टार्टअप के लिए भी मौके बनेंगे।’