15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति
Jan 13, 2019

मकर संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से जाना जाता है . गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण कहा जाता है. गुजरात में मकर संक्रांति के दौरान खास पंतग कॉम्पिटिशन भी होता है. वहीं, हरियाण और पंजाब में मकर संक्रांति को माघी के नाम से पुकारा जाता है. इसी वजह से इसे साल की सबसे बड़ी संक्रांति कहा गया है. क्योंकि यह पूरे भारत में मनाई जाती है.
साल 2019 में मकर संक्रांति 14 जनवरी नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाई जा रही है. देशभर में इसी दिन से खरमास समाप्त हो जाएंगे और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी . खरमास में मांगलिक कार्यों की मनाही होती है, लेकिन मकर संक्रांति से शादी और पूजा-पाठ जैसे कामों का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाता है . इसी के साथ प्रयागराज में कुंभ भी मकर संक्रांति पर शुरू हो रहा है . इसी संक्रांति के दिन ही कुंभ मेले में भक्त त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं.

क्या है मकर संक्रांति ?
सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं. एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है. एक जगह से दूसरी जगह जाने अथवा एक-दूसरे का मिलना ही संक्रांति होती है. हालांकि कुल 12 सूर्य संक्रांति हैं, लेकिन इनमें से मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति प्रमुख हैं . भगवान सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति मनाई जाती है. अधिकतर ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. मकर सक्रांति के साथ ही खारमास खत्म हो जाएगा. इसी के साथ शुभ कार्यों की भी शुरुआत हो जाएगी. वहीं, इस साल मकर सक्रांति से ही प्रयागराज में कुंभ मेले की भी शुरुआत हो जाएगी. मकर संक्रान्ति में लकड़ी, तिल, अन्न, उड़द की दाल, चावल, पापड़, घी, गुड़, नमक, कम्बल, ऊनी वस्त्र का दान करना बहुत ही उत्तम माना जाता है. अगर आप पवित्र नदियों में स्नान करने नहीं जा सकते तो घर पर ही स्नान कर सूर्य को अर्घ्य देकर दान कर सकते हैं. मकर संक्रांति के दिन गरीब लोगों को गुड़ और गर्म कपड़ों का दान करना चाहिए.

क्या है इस दिन की मान्यता
मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा उनसे मिली थीं. इसके अलावा भीष्म पितामह ने भी अपना देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति के पावन दिन का ही चयन किया था.
मकर संक्रांति की पूजा विधि
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है या फिर घर पर भी सुबह नहाकर पूजा की जाती है . इस दिन भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की जाती है. इसी के साथ मकर संक्रांति के दिन पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण दिया जाता है.
मकर संक्रांति का मंत्र
मकर संक्रांति पर गायत्री मंत्र के अलावा भगवान सूर्य की पूजा इन मंत्रों से भी पूजा की जा सकती है:
1- ऊं सूर्याय नम: ऊं आदित्याय नम: ऊं सप्तार्चिषे नम:
2- ऋड्मण्डलाय नम: , ऊं सवित्रे नम: , ऊं वरुणाय नम: , ऊं सप्तसप्त्ये नम: , ऊं मार्तण्डाय नम: , ऊं विष्णवे नम: