रिपोर्ट – श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़
फोटो से फोटो खींचकर लगाई जा रही मनरेगा में मजदूरों की हाजिरी जाँच हो तो नप सकते है कई जिम्मेदार ,

शाहाबाद। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में सरकार के द्वारा फर्जीवाड़ा रोकने के उद्देश्य से सार्वजनिक मनरेगा योजना में कार्य करने वाले मजदूरों का एनएमएमएस मोबाइल ऐप के माध्यम से ऑनलाइन हाजिरी बनाने की प्रक्रिया लागू की गई है। जिसके जरिए दिन में दो बार मजदूर का कार्य करते हुए फोटो खींचकर ऑनलाइन अपलोड करना होता है। लेकिन योजना स्थल पर कार्य कराने वाले मेट,पंचायत कर्मी,सचिव व प्रधान की मिलीभगत से हाजिरी बनाने के वक्त मजदूर कार्य स्थल पहुंचते हैं और सिर्फ फोटो खींचाकर मजदूर वापस घर चले जाते हैं। जिसके एवज में मजदूरों को कुछ राशि दी जाती है और उसी फोटो की फोटो खींचकर मनरेगा में भ्रष्टाचार का एक नया जुगाड़ जिम्मेदारों द्वारा खोजकर जेबें भरने का काम किया जा रहा है।
ऐसा ही मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार से जुड़े जाँच में सामने आ सकते हैं। ब्लॉक की जिन ग्राम पंचायतों में इस समय मनरेगा के तहत कार्य कराए जा रहे हैं। उनमें ग्राम पंचायत कछिलिया , रायपुर गुलरिया ,दनियापुर बिक्कू , रामपुर ह्रदय सहित लगभग एक दर्जन ग्राम पंचायतों में फोटो से फोटो खींचकर मनरेगा में भ्रष्टाचार की एक नई लकीर जिम्मेदारों द्वारा खींची जा रही है।कछिलिया में ग्राम प्रधान ने मनरेगा कार्यों की जिम्मेदारी एक ऐसे व्यक्ति को दे रखी है जो गांव से 15 किमी दूर दूसरी ग्राम पंचायत में रहता है। उसी व्यक्ति द्वारा मनरेगा योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है,जबकि कच्छेलिया के वास्तविक प्रधान को ग्राम पंचायत में होने वाले कार्यों की जानकारी शून्य के बराबर ही है। यही हाल दनियापुर बिक्कू का हैं यहाँ प्रधान को विकास कार्यों पर मुँह बन्द हो जाता है। गाँव के कार्यों को एक अन्य व्यक्ति देखता है। वहीं रायपुर गुलरिया में मनरेगा योजना से तालाबों के निर्माण का मामला डीएम तक पँहुच चुका है। यहां पर ग्राम प्रधान व सचिव कई दिनों से फोटो से फोटो खींचकर योजना को पलीता लगा रहे हैं। यही वजह है कि ब्लाक में सिर्फ कागज के सहारे पैसों का बंदरबांट करने में जिम्मेदार मस्त हैं।
                                                                    




