पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम से जनता ख़स्ताहाल, टैक्स काम करने से हो सकता है इतना नुक्सान

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नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के दामों में आज कोई बदलाव नहीं हुआ है. दिल्ली में पेट्रोल 80 रुपए 87 पैसे जबकि डीजल 72 रुपए 97 पैसे मिल रहा है | आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 88.26 रु/ली और डीजल 77.47 रु/ली पर पहुंच गया | देश में सबसे महंगा पेट्रोल महाराष्ट्र में ही मिल रहा है | पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों के बोझ से जनता को राहत देने के लिए सोमवार को आंध्र प्रदेश सरकार ने राजस्थान की राह पर चलते हुए मूल्य वर्धित कर (वैट) कम करने का निर्णय लिया था।

 

 

राज्यों द्वारा ऐसे निर्णय लिए जाने पर उम्मीद जगी थी कि केंद्र सरकार की ओर से भी पेट्रोल व डीजल पर टैक्स कम किए जाएंगे, लेकिन फिलहाल केंद्र ऐसा करने के पक्ष में नहीं है। बताया जा रहा है कि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में दो रुपये की कमी करने से सरकार को 28 से 30 हजार करोड़ के राजस्व की हानि होगी।

 

 

अब ममता बनर्जी ने सस्ता किया पेट्रोल-डीजल
इस बीच खबर है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पेट्रोल-डीजल एक रुपया प्रति लीटर सस्ता करने का एलान किया है | इससे पहले राजस्थान और आंध्र प्रदेश की सरकारें पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने का एलान कर चुकी हैं | राजस्थान में पेट्रोल-डीजल में चार प्रतिशत वैट घटाया है | मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कहा कि इससे राज्स सरकार पर 2000 करोड़ का बोझ पड़ेगा | आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू ने तेल की कीमतों में दो रुपये की कटौती की है |

 

 

जहा कई विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा बुलाए गए भारत बंद को समर्थन दे रहे हैं वहीं, दूसरी ओर भाजपा पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए वैश्विक कारणों को जिम्मेदार ठहरा रही है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भाजपा लोगों की समस्याओं में उनके साथ खड़ी है। हम मुद्दों को हल करने की कोशिश कर रहे हैं और हम ऐसा कर के रहेंगे।

 

 

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक केंद्र को टैक्स में कटौती नहीं करनी चाहिए। दो रुपये की कटौती भी राजस्व को 28 से 30 हजार करोड़ की क्षति पहुंचाएगी। अधिकारियों का मानना है कि और राज्यों को भी अपने स्तर से वैट कम करना चाहिए, जिससे केंद्र के कर संग्रह को प्रभावित किए बिना भी पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कमी हो सके।

 

 

आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा वैट कम करने के बाद सरकारी अधिकारियों ने कहा कि हम पहले ही राज्य सरकारों के कई टैक्स केंद्र नहीं ले रही है, इससे ज्यादा कमी करने पर सभी प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें ऐसी व्यवस्था पर चलती हैं जो कीमतों के बढ़ने के साथ राजस्व भी बढ़ाती है।

 

 

सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल व डीजल पर टैक्स कम करने से अन्य सभी योजनाएं प्रभावित होंगी। सरकार एक सोर्स से आई राशि को ही दूसरे सोर्स पर खर्च करती है। एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से इससे ज्यादा कमी करना संभव नहीं है।

 

 

उन्होंने कहा कि बेहतर होगा यदि हम प्रत्यक्ष करों के कराधान में बढ़ोत्तरी करते हुए जीडीपी को नॉन अॉइल टैक्स रेशियो के अनुसार सुधारने की कोशिश करें, इससे पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कमी आएगी।