बाल विवाह रोकथाम एवं घूंघट प्रथा समाप्ति पर आयोजन,

संवाददाता राहुल भारद्वाज ब्यूरो हैड

रीडर टाइम्स

दौसा, महिला अधिकारिता विभाग, दौसा द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के आयोजन के दौरान होटल रावत पैलेस में पुष्कर मित्तल, उपखण्ड अधिकारी, दौसा की अध्यक्षता में बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं योजनान्तर्गत बाल विवाह रोकथाम एवं घूंघट प्रथा समाप्ति हेतु जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक निदेशक,सूचना एवं जनसंपर्क विभाग रामजीलाल मीणा,अध्यक्षा,बाल कल्याण समिति गीता मीणा ने भाग लिया।उक्त कार्यक्रम में उपनिदेशक,महिला एवं बाल विकास विभाग,ओमप्रकाश वशिष्ठ समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी,सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई रोहित जैन, जिला युवा समन्वयक, नेहरू युवा केन्द्र, राकेश आलोरिया,जिला समन्वयक, क्राई यूनिसेफ परियोजना राजकुमार पालीवाल, जिला कार्यक्रम अधिकारी,टाटा ट्रस्ट पर्वतसिंह राठौड, संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई,समन्वयक चाइल्ड लाइन, महिला शक्ति केन्द्र, महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र एवं वन स्टॉप सेन्टर सखी केन्द्र के सदस्यों,स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि,आगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं साथिनों सहित लगभग 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया।कार्यक्रम के दौरान उपखण्ड अधिकारी पुष्कर मिततल द्वारा महिलाओं को शिक्षित बननें, महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा के विरूद्ध आवाज उठाने एवं बाल विवाह रोकथाम को समाप्त करने में विभाग एवं प्रशासन को सहयोग उपलब्ध कराने हेतु प्रेरित किया तथा अध्यक्षा, बाल कल्याण समिति, गीता मीणा ने प्रतिभागी महिलाओं को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए महिलाओं को शिक्षित तथा आर्थिक रूप से सशक्त बनने एवं घूंघट प्रथा को समाप्त करने हेतु प्रेरित किया गया।उक्त कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा ब्लॉकवार सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली आगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एवं आशा सहयोगिनियों को माता यशोदा पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र किये गये। सहायक निदेशक महिला अधिकारिता विभाग युगल किशोर मीना ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रतिभागियों को राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु संचालित विभिन्न विभागीय योजनाओं तथा घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 एवं दहेज निषेध अधिनियम,1961 के मुख्य कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान की। कार्यशाला के द्वितीय सत्र के दौरान राजकुमार पालीवाल ने प्रतिभागियों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 की जानकारी देते हुए बताया कि बाल विवाह आजादी के पहले ही से हमारे समाज एक गम्भीर समस्या बना हुआ तथा सामाजिक जागरूकता एवं संवेदनशीलता से बाल विवाह अंत संभव हैं। पालीवाल द्वारा बाल विवाह अंकुश अधिनियम, 1929 से लेकर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 तक हुए कानूनी संशोधनो एवं अपराध की गंभीरता से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यशाला के अन्तिम सत्र में गोपाल वर्मा द्वारा प्रतिभागियों को कार्यस्थल पर महिला का लैंगिंक शोषण रोकथाम अधिनियम, 2013 एवं लैंगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 प्रमुख कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान करते हुए महिलाओं को उनके प्रति होने वाली विभिन्न प्रकार की हिंसा के विरूद्ध आवाज उठाने हेतु प्रेरित किया।कार्यक्रम में मंच संचालन पर्वत सिंह राठौड द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम के अन्त में महिला कल्याण अधिकारी, महिला शक्ति केन्द्र, सुश्री नीरू कुन्द्रा ने प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।