केन्द्र के अध्यादेश को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी,स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हिंसा करने पर होगी 7 साल तक सजा और जुर्माना

                   स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति किसी भी हिंसा को अब गैरजमानती अपराध की श्रेणी में माना जाएगा

रिपोर्ट :-ब्यूरो हेड(राहुल भारद्वाज)
नई दिल्ली :- स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति बढ़ती हुई हिंसा व बदसलूकी व उत्पीड़न पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्र की मोदी सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है। इस अध्यादेश के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ हिंसा करने का दोषी पाया जाता है तो उसे 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है। इतना ही इस अध्यादेश में 50 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपए तक आर्थिक दंड देने का भी प्रावधान किया गया है।

 

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बुधवार को इस सम्बंध में बयान जारी कर बताया कि मेडिकल कर्मचारियों पर हमलों को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी। प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा। उन्होंने कहा कि महामारी कानून में कैबिनेट ने बदलाव किया। इस अपराध को गैरजमानती बनाया गया।

 

जावड़ेकर ने अध्यादेश की जानकारी देते हुए कहा कि महामारी कानून में कैबिनेट ने बड़ा बदलाव किया है ।यह अपराध गैर जमानती होगा । इसके अंर्तगत आने वाले मामलों में 30 दिन में चार्जशीट तैयार की जाएगी व अधिकतम एक साल में फैसला आएगा ।मेडिकल टीम पर हमला करने पर 3 महीने से 5 साल की सजा और 50,000 से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना का प्रावधान भी इसमें किया गया है ।यदि गंभीर नुकसान हुआ है तो 6 महीने से 7 साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1 लाख से 5 लाख रुपए है।

 

जावड़ेकर ने कहा कि अगर स्वास्थ्य कर्मियों के वाहनों या क्लीनिकों को नुकसान पहुंचाया गया तो अपराधियों से क्षतिग्रस्त की गई संपत्ति का बाजार मूल्य से दोगुना दाम मुआवजे के रूप में वसूला जाएगा। साथ ही उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि फ्लाइट ऑपरेशनों को फिर से शुरू करने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जैसे ही ये फिर से शुरू होंगी इनकी अनाउसमेंट कर दी जाएगी।

केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को अब राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है।राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इस अध्यादेश को तुरंत प्रभाव से अमल में लाया जा सकेगा।

 

गौरतलब है कि हालिया कुछ घटनाओं में कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे मेडिकल स्टाफ पर देश के कुछ हिस्सों में हमले की खबर सामने आई थी जिससे बाद पुरे देश में स्वास्थ्य कर्मियों में व जनता में भी इन घटनाओं के प्रति रोष बढ़ रहा था ।इसके बाद केंद्र सरकार सख्त हो गई और अब अध्यादेश लेकर आई है जिससे स्वास्थ्यकर्मियों में सुरक्षा का भाव पैदा हो सके तथा वे देश और जनता की भली भांति सेवा कर सके ।