दौसा में एसटीसी के फार्मूला के जरिये ऐसे किया कोरोना को काबू,सभी मरीज रिकवर होकर लौटे घर

रिपोर्ट :-ब्यूरो हेड(राहुल भारद्वाज)
दौसा :- दौसा जिले में कोरोना पॉजिटिव सभी मरीज रिकवर होकर अपने घर जा चुके हैं। इसके पीछे जिले में एकनिष्ठ होकर जुटे कोरोना फाइटर्स का योगदान वास्तव में सराहनीय है। जिले में हालात सामान्य होने लगे हैं, इसके बावजूद भी सभी टीमें जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में सभी मोर्चों पर डटी हुई हैं।

 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएम वर्मा ने बताया कि जिले में पहला मरीज 3 अप्रेल को सामने आया था। हालांकि पहले से ही विभाग सतर्क था और सभी मोर्चो पर कोरोना फाइटर्स डटे हुए थे। मरीज की सूचना मिलते ही पूरा इलाका जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी के निर्देशानुसार सीज कर दिया गया और पूरे इलाके में एक साथ सभी टीमें सर्वे के लिए उतार दी गई।
ताकि एक भी व्यक्ति जांच और स्क्रीनिंग के बिना नहीं रह सके।

 

क्या है एसटीसी र्फामूला :-

डॉ. वर्मा ने बताया कि दौसा जिले में एसटीसी र्फामूला कारगर रहा। इसमें एस का अर्थ सर्वे और र्सविलांस, टी का अर्थ टेस्टिंग और ट्रीटमेंट और सी का अर्थ कंटेनमेंट है। जैसे-जैसे मरीज सामने आते गए वैसे वैसे इसी फार्मूले के अनुसार विभाग आगे बढता गया और प्रिवेंशन पर ध्यान देते हुए इन्फेक्शन ट्रांसमिशन जीरो करने पर फोकस किया गया।

 

इतनों को किया गया क्वारेंटाईन :-

उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. श्रीप्रकाश मीणा ने बताया कि जिले में तीन स्तर पर नजर रखी गई ताकि किसी भी स्तर पर कोरोना का अटैक विफल किया जा सके। इसके लिए जिले के लोगों की स्क्रिनिंग तो की ही गई साथ ही विदेश से आने वाले, अन्य जिलों से आने वालों और अन्य राज्यों से आने वालों पर भी बारीकी से नजर रखी गई। साथ ही सर्वे के दौरान आईएलआई के मरीजों को भी चिह्नित किया गया और इनमें से संदिग्धों को सेंपल लेकर तुरंत जांच के लिए भेजे गए। चिकित्सा अधिकारियों ने प्रतिदिन आईएलआई का फॉलोअप किया ताकि लक्षणों के परिर्वतन पर नजर रखी जा सके और जरूरत होने पर उचित ट्रीटमेंट दिया जा सके। इसी प्रकार हाई रिस्क मरीजों जैसे प्रिग्नेंट महिलाओं, दस साल से छोटे बच्चे, 60 साल से अधिक के लोग आदि पर भी विशेष ध्यान दिया गया।

 

संदिग्ध की सूचना मिलते ही दौड पडती आरआरटी :-

जिला आरआरटी प्रभारी डॉ. सुभाष बिलोनिया ने बताया कि जिले में कोरोना कंट्रोल के लिए आरआरटी टीमों का गठन किया हुआ है। जैसे ही संदिग्ध की सूचना मिलती, आरआरटी टीमें मौके पर पहुंच जाती और उनकी जांच सेंपल आदि का काम तुरंत किया जाता। इनकी टेस्टिंग के बाद कान्टेक्ट पर्सन की भी अधिकतम सेंपलिंग की गई। इन टीमों में पीएसएम स्पेशलिस्ट, एमडी मेडिसन, पीडियाट्रीशियन, एपिडोमोलॉजिस्ट और एक लैब टैक्निशियन को शामिल किया हुआ है।

 

दौसा में ही किया गया उपचार :-

शुरूआत में जब कोरोना के मरीज मिले तो उन्हें उपचार के लिए तुरंत जयपुर एसएमएस के लिए भेजा जाता। यह क्रम जिले में तीन से 13 अप्रेल तक चला। तब तक जिले में कोरोना के 10 मरीजों को एसएमएस भेजा जा चुका था। लेकिन इसके बाद दौसा ने खुद अपनी जिम्मेदारी उठाई और 15 अप्रैल के बाद मिले सभी मरीजों को यही दौसा में भर्ती कर उपचार किय गया।

 

कैसे नियंत्रित किया जिला :-

विभाग ने पहले से ही रणनीति बना ली थी कि दौसा में कोरोना को फैलने से कैसे रोकना है। इसके लिए मुख्य फोकस प्रिवेंशन पर किया गया। जिला प्रशासन के सहयोग से जिले में कुल 11 स्थानों पर नाकाबंदी कर चैक पोस्ट बनाई गई। इन पोस्टों पर 24 घंटे स्टाफ तैनात रहा जो कि वहां से आवाजाही करने वालों की स्क्रीनिंग करता रहा। इसके अलावा कोरोना पॉजिटिव इलाके में कर्फ्यू लगाया गया और क्षेत्र को जीरो मोबिलीटी घोषित किया गया। लोग घरों में रहें इसके लिए घरों तक राशन पानी की व्यवस्था कराई गई।

 

यह रहा लेखा-जोखा :-

जिले के कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या रही16 व रिकवर हुए रोगियो की संख्या रही 16 तथा विदेश से आए 457 लोगों की जांच की गई।इस दौरान अन्य जिलों व राज्यों से आए लोगों की संख्या रही 16962 व क्वारेंटाईन किए गए (होम और डेडीकेटेड) रहे लोगों की संख्या 19325,एक्टिव र्सविलांस में आईएलआई रोगी-6285,पैसिव सर्विलेंस में आईएलआई रोगी-3047,सर्वे टीमें-289,कुल एपीसेंटर-6,कंटेंटमेंट जोन-6,बफर जोन में रहे -6