‘ कोरोना महामारी के दौर ने बदल गया है अधीनस्थ अदालतों में कामकाज का तरीका ,

वरिष्ठ संवाददाता हर्षवर्द्धन शर्मा

रीडर टाइम्स

जयपुर : एक और जहां हाई कोर्ट में पूरी तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्य किया जा रहा हैं वहीं अब दूसरी तरफ अधीनस्थ अदालतों में भी कार्यभार का तरीका पूरी तरह से बदल गया है|अब अधीनस्थ अदालतों में विशेष न्यायालय खुल चुके हैं और समस्त न्यायालयों में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सुनवाई की प्रक्रिया हो रही है| अधीनस्थ अदालतों का कार्य पूरी तरह नई तकनीक पर आधारित हो रहा है |सभी विशेष न्यायालयों और अवकाश कालीन न्यायालयों ने अपने कक्ष के बाहर अपनी मेल आईडी, व्हाट्सएप नंबर लिख कर चिपका दिए हैं और पक्षकारों के अधिवक्ताओं को उक्त इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कार्य करने की हिदायत दी जा रही है| यहां तक कि अब अधीनस्थ न्यायालय में जमानत आवेदन , बहस और आदेश इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के जरिए हो रहे हैं |इसके अतिरिक्त अब अधीनस्थ न्यायालय में जमानत मुचलके भी इलेक्ट्रॉनिक रूप के रूप से भरे जा रहे हैं |जहां पूर्व में लॉक डाउन में चालान छुड़वाने के लिए पक्षकारों के अधिवक्ताओं की भीड़ थी वहीं अब चालान भी मेल आईडी के जरिए छुड़वाए जा रहे हैं और पेटीएम व अन्य माध्यमों से इसका शुल्क लिया जा रहा है और साथ ही रिलीज ऑर्डर व्हाट्सएप नंबर, मेल आईडी नंबर पर भेजे जा रहे हैं|

जिससे अनावश्यक रूप से पक्षकारों या अधिवक्ताओं की भीड़ न्यायालय में उपस्थित ना हो| अधिवक्ता भानु प्रकाश शर्मा के अनुसार उक्त प्रणाली ना केवल इस महामारी के समय संजीवनी साबित हुई है बल्कि भविष्य में न्यायालय को तकनीक के साथ जोड़ने में सहायक साबित होगी । सभी बार एसोसिएशन एवं अधिवक्ताओं द्वारा उक्त पहल की सराहना की जा रही है ।अब न्यायालय के आवश्यक कार्य हेतु अधिवक्ताओं को न्यायालय परिसर में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है ऐसे में भारतीय न्याय प्रणाली भी अब तकनीक पर आधारित हो रही है जो वाकई काबिले तारीफ है|