दानदाताओं के नाम पर खुले विद्यालयों से पत्राचार करने के लिए शिक्षामंत्री ने दिए निर्देश

ब्यूरो हैड राहुल भारद्वाज

रीडर टाइम्स

भामाशाहों को विद्यालयों  में सहयोग के लिए प्रेरित किया जाए शिक्षा मंत्री 

जयपुर : शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने राज्य के विद्यालयों में आधारभुत सुविधाओं के विकास के लिए भामाशाहों को प्रेरित करने पर जोर दिया है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गांव, ढाणी में दानदाताओं के नाम से बने विद्यालयों के भामाशहों को पत्र लिखकर सतत उनसे संपर्क रखें तथा शिक्षा क्षेत्र में उनका सहयोग लेकर विद्यालयों के सुदृढ़ीकरण, वहां आधारभुत सुविधाआं के विकास को सुनिश्चित करें।

डोटासरा मंगलवार को यहां शिक्षा संकुल में ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल एवं मुख्यमंत्री विद्यादान कोष’ योजना की समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री ज्ञान संकल्प पोर्टल और मुख्यमंत्री विद्यादान कोष योजना के तहत जिलेवार भामाशाहों से मिलने वाले सहयोग की समीक्षा करते हुए कहा कि विद्यालयों के विकास के लिए प्रवासी राजस्थानियों को प्रेरित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए भामाशाह सहयोग देने के लिए तत्पर हैं, आवश्यकता इस बात की है कि उनसे सतत संवाद रखा जाए। उन्होंने मौके पर ही शिक्षा में सहयोग देने वाले भामाशाहों के साथ ही नवीन भामाशाहों को जिलेवार चिन्हित कर उनसे पत्राचार किए जाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए।

शिक्षा मंत्री डोटासरा ने सीएसआर गतिविधियों की भी बैठक में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबलिटी (सीएसआर) में अन्य क्षेत्रों से अधिक सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से विकसित समाज की कल्पना की जा सकती है, इसलिए जिलेवार शिक्षा अधिकारी सीएसआर के तहत कंपनियों के प्रतिनिधियों से संपर्क कर उन्हें शिक्षा क्षेत्र की आवश्यकताएं बताएं तथा सीएसआर के तहत अधिकाधिक सहयोग प्राप्त करने का प्रयास करें। उन्होंने राजकीय विद्यालयो में भौतिक संसाधन उपलब्धता कराने में विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग की चर्चा करते हुए कहा कि ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ एवं ‘मुख्यमंत्री विद्यादान कोष’ मंए प्राप्त राशि का विद्यालयों की आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण में पूर्ण पारदर्शिता से उपयोग किया जाए। उन्होंने सीएसआर के तहत कार्य करवाने हेतु कंपनियों को आकर्षित करने और राजकीय विद्यालयों की मूलभूत आवश्यकताओं के आधार पर उनसे सहयोग लिए जाने पर भी जोर दिया।

डोटासरा ने बैठक में कहा कि कोविड-19 के समय में शिक्षा विभाग ने सतत कार्य करते हुए ऑनलाईन शिक्षा में बहुतेरे नवाचार किए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां पर कोरोना के समय में भी शिक्षण में किसी तरह की बाधा नहीं आयी है। पाठ्यपुस्तकों के डिजिटल संस्करण ऑनलाईन उपलब्धस कराने के साथ ही ‘स्माईल’ परियोजना, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से शिक्षावाणी एवं शिक्षा दर्शन जैसे कार्यक्रमों का प्रसारण करवाया गया। साथ ही कोरोना काल के सबक को अवसर मे बदलते हुए विषय विशेषज्ञों को विभाग से जोड़कर ऑनलाईन अध्ययन सामग्री तैयार करवायी गयी है। इससे विभाग भविष्य में आत्मनिर्भरता से बच्चों को उच्च कोटि के कंटेट से पढ़ा सकते हैं। उन्होंने ऑनलाईन एजूकेशन से संबंधित भविष्य की आवश्यकताओं और विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज जैसे नवाचार अपनाने हेतु सहयोग के लिए भी भामाशाहों को प्रेरित करने, सीएसआर के तहत सहयोग प्राप्त करने आदि पर जोर दिया।बैठक में विभाग की शासन सचिव मंजू राजपाल, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक अभिषेक भगोतिया सहित बड़ी संख्या में अधिकारियों ने भाग लिया।