निजामपुर के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले शिकायतकर्ता पर ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

हरदोई : जब से भाजपा सरकार बनी है तब से उन्ही लोगो के खिलाफ पुलिस मुकदमा दर्ज कर रही है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करता है फिर वह चाहे आम जनमानस शिकायतकर्ता हो या फिर कोई पत्रकार।शायद भाजपा सरकार नही चाहती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई आवाज बुलंद हो।क्या इसी तरीके से बनेगा भ्रष्टाचार मुक्त भारत। प्रकरण को समझने के लिए पूरी खबर को पढ़ना आप के लिए बेहद जरूरी है असल मे दिनांक 05/07/2020 को शिकायतकर्ता सतीस कुमार पुत्र सूबेदार व सुनील कुमार पुत्र श्यामलाल ने जिलाधिकारी हरदोई को भ्रष्टाचार के सभी सबूतों को संलग्न कर शपथपत्र के साथ एक शिकायती पत्र जाँच के लिए दिया था व मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी सतीस कुमार कुमार के द्वारा शिकायत संख्या 40015520039502 दर्ज कराई गई थी हालांकि मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायत पर फर्जी आख्या लगा कर शिकायत को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।जिलाधिकारी को की गई शिकायत की जाँच चल रही है उस शिकायत पत्र में आरोप था कि निजामपुर के प्रधान नाजिम खान व सिकरेट्री की मिलीभगत से मृतक ब्यक्ति की मनरेगा में हाजरी दिखा कर सरकारी धन को हड़पा गया है व अन्त्योदय कार्ड में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है।

निजामपुर इन दिनों अपने भ्रष्टाचार के कारण समाचार पत्रों की सुर्खियों में छाया हुआ है।मुकदमा दर्ज होने के बाद जब शिकायतकर्ता सतीस कुमार से बात की गई तो शिकायत कर्ता ने बताया कि भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए जिलाधिकारी को की गई शिकायत को वापस लेने के लिए शिकायतकर्ताओ पर दबाब बनाने के लिए ग्रामप्रधान नाजिम खान ने अपने करीबी इंद्रभूषण जो तेरिया गांव के रहने वाला है उसका सहारा लेकर झूठा मुकदमा 384/2020 धारा 147/506/364 में सतीस कुमार,सुनील कुमार,व ओमप्रकाश पर लोनार थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

शिकायतकर्ता ने बताया कि , ओमप्रकाश ने भी इस प्रधान के खिलाफ शिकायत 40015520045527 मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई है जिस कारण कोई भी भ्रष्टाचार उजागर न हो इस कारण पुलिस की मदद से शिकायतकर्ताओ पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर दवाब बनाया जा रहा है जिससे भ्रष्टाचार उजागर न हो सके। एक बात समझ से परे है जब जिलाधिकारी हरदोई को सभी सबूतों के शिकायत जी जा चुकी है तो फिर आखिर रसूखदार प्रधान पर कार्यवाही करने में देरी क्यो हो रही है।आखिर कब भ्रष्टाचार के आरोपी प्रधान व सिकरेट्री पर कार्यवाही होगी या सत्ता के दवाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठने वाली आवाज को दबा दिया जाएगा।