तो बताओ कैसे थमेगा कोरोना का खतरा ?

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़

1- 48 घंटों का लॉकडाउन साबित हो रहा  बेअसर
2- कोरोना से भय मुक्त हुए लोग सड़कों पर कर रहे हवाखोरी
3- चौराहों पर तैनात पुलिस मोबाइल में  रहती मशगूल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है | समाज के सभी तबकों में कोरोना कहर बरपा रहा है | फिर चाहे राजनीतिक व्यवस्था हो या प्रशासनिक व्यवस्था या फिर स्वास्थ्य महकमा सभी कोरोना का दंश झेल रहे हैं | इन सबके बाद भी लोग धड़ल्ले से बेरोकटोक बेबाकी के साथ बेवजह घरों से बाहर निकल रहे हैं | कामकाज के अलावा राजधानी के  हवाखोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे नतीजतन कोरोना भी ताबड़तोड़ तरीके से रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है |

राजधानी लखनऊ में वीकेंड लॉकडाउन के चलते 212 जगह बैरिकेड लगाए गए जिनसे लोगों की आवाजाही को बाधित किया जा सके | लेकिन इसका भी लोगों पर कोई खास असर नहीं दिखा भारी संख्या में लॉकडाउन के बीच भी लोग बाहर निकल रहे हैं | कई जगहों पर कार और मोटरसाइकिल ओं की लंबी कतारें देखी गईं और कई जगह लोगों को जाम का भी सामना करना पड़ा | 212 जगह बैरिकेट्स लगाने के बाद भी 1090 चौराहे पर भी जाम देखा गया | सारे दफ्तर और बाजारे बंद होने के बाद भी इस तरह की भीड़ भाड़ ज्यादातर तफरी के लिए निकले लोगों की थी |

उधर केजीएमयू के स्टाफ से लेकर मरीजों तक में कोरोना संक्रमण फैलने से हड़कंप जैसी स्थिति बन गई है | यहां के ट्रामा सेंटर के आईसीयू में भर्ती 6 मरीजों में कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई है | ट्रामा सेंटर की सीसीएम में गंभीर मरीजों का इलाज होता है भर्ती से पहले कोरोना जांच भी अनिवार्य रूप से की जाती है | इस सब के बाद भी वहां भर्ती 6 मरीजों की जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है | ट्रामा सेंटर में इस खबर से अफरा-तफरी मच गई है संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे मेडिकल स्टाफ को भी  क्वॉरेंटाइन कर दिया गया है | संक्रमित मरीजों को भी आइसोलेट कर दिया गया है और नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है |

राजधानी में इस लापरवाही के पीछे प्रशासन की लचर व्यवस्था का भी भरपूर हाथ है | चौराहों पर बैठी पुलिस मोबाइल पर गानों और गेम्स में मशगूल रहती है |आने जाने वालों के व्यवहार और तरीकों से उनका कोई लेना-देना नहीं रह जाता है पुलिसिया जागरूकता सिर्फ वाहन चेकिंग और चालान काटने के समय ही ज्यादा दिखाई देती है|इतने भयानक नतीजों के बाद भी जनता अब भी लापरवाही बरत रही है अगर हमारे व्यवहार में सुधार नहीं आया तो परिणाम और भी भयानक हो सकते हैं