खंड शिक्षा अधिकारी सुरसा का कारनामा ; नौनिहालों के जीवन से कर रहा खिलवाड़ जिम्मेदार खामोश ,

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

हरदोई के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है।चंद रुपयों के लिए भ्रष्टाचारी नौनिहालों के जीवन तक की परवाह नही कर रहे है और भ्रष्टाचार को अंजाम देने में लगे हुए है और ऐसा भी नही है की उच्च स्तरीय अधिकारियों के संज्ञान में भ्रष्टाचार नही है। उच्च स्तरीय अधिकारियों की चुप्पी यह दर्शाती है कि यह सारा खेल उच्च स्तरीय अधिकारियों की मिलीभगत से सारा खेल खेला जा रहा है।

दरअसल भाजपा सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले स्कूली बच्चो को ठंड से बचाने के लिए हर स्कूल में प्रत्येक बच्चों को निशुल्क स्वेटर वितरित करने के लिए आदेश जारी किया था व सरकार द्वारा वितरित किये जाने वाले स्वेटर का एक मानक भी रखा था। लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी भगवान राव ने चंद रुपयों की खातिर सरकार द्वारा दिये गए मानकों के विपरीत स्वेटर वितरित किये जा रहे है। ” रीडर टाइम्स न्यूज़ ” ने अपनी पड़ताल में पाया कि प्राइमरी पाठशाला सरैया विकास खण्ड सुरसा में 28 नम्बर स्वेटर 164 ग्राम 30 नम्बर 166 ग्राम व 32 नम्बर स्वेटर 176 ग्राम नौनिहालों को वितरित किये जा रहे है जब कि सरकार द्वारा इन स्वेटरों के बजन का मानक 28 नम्बर स्वेटर का 265 ग्राम 30 नम्बर का 285 ग्राम व 32 नम्बर स्वेटर का 305 ग्राम तय किया गया था।

जब इस बारे में प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्य सरोज कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इसमें उनकी कोई गलती नही है बी0आर0सी0 सुरसा द्वारा जो स्वेटर उपलब्ध कराए गए उन्ही को वितरित किया गया है।जब इस भ्रष्टाचार के बारे में खण्ड शिक्षा अधिकारी भगवान राव से बात की गई तो उन्होंने प्रकरण को सुनते ही नेटवर्क का हवाला देते हुए फोन काट दिया।तब हमारी ” रीडर टाइम्स की न्यूज़ ” ग्राम प्रधान सर्वेन्द्र गुप्ता के पास पहुँची तब ग्राम प्रधान सर्वेन्द्र गुप्ता ने अवगत कराया कि जब उन्हें प्रकरण की जानकारी हुई तब उन्होंने भगवान राव से बात की तो खण्ड शिक्षा अधिकारी ने अवगत कराया कि अगर कम बजन के स्वेटर वितरित किये जा रहे है तो पेमेंट काट लिया जाएगा। तत्पश्चात सरैया प्रधान सर्वेन्द्र गुप्ता ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की तो उन्होंने यह कहते हुए फोन काट दिया कि प्रकरण को दिखवाते है। लेकिन उसके बाबजूद भी मानकविहीन स्वेटरों का विरतण जारी है व किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की गई है। एक बात समझ से परे है जब सरकार ने स्वेटरों का एक मानक तय किया था तो आखिर कम बजन के स्वेटरों की सप्लाई क्यो मंजूर कर ली गई और ग्राम प्रधान सर्वेन्द्र गुप्ता द्वारा अवगत कराने के बाद भी आखिर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कार्यवाही क्यो नही की यह सबसे बड़ा सवाल है।

दरअसल कम बजन मानक विहीन स्वेटरो की सप्लाई को मंजूरी इसलिए दी गई क्यो की मानक के अनुसार व मानक बिहीन स्वेटरों की कीमत की धनराशि में काफी अंतर था इसी धनराशि को हड़पने के लिए कम बजन के स्वेटरों का वितरण कराया गया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर ठंड के कारण किसी बच्चे की मौत हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा यह बड़ा सवाल है।