निजामपुर के भ्रष्टाचार पर भाजपा मौन

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

ब्यूरोक्रेसी की उदासीनता के चलते शिकायतकर्ता ने ली उच्च न्यायालय की शरण

निजामपुर के प्रधान नाजिम खान के भ्रष्टाचार पर कार्यवाही न होना दर्शाता है कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। हरदोई की समस्त भाजपा निजामपुर के भ्रष्टाचार पर शांत है। निजामपुर निवासी शिकायतकर्ता सतीश वर्मा ने आरोप लगाया था कि प्रधान नाजिम खान ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है जिस के भ्रष्टाचार की पहली शिकायत जून /2020 में की थी लेकिन अभी तक कोई भी प्रभावी कार्यवाही निजामपुर के भ्रष्टाचार पर नही हो सकी है। हालांकि प्रधान ने राजनीतिक दवाब के चलते शिकायतकर्ता पर दवाब बनाने के लिए अपहरण का मुकदमा तक दर्ज कराया था लेकिन पुलिस अधीक्षक अनुराग बत्स्य की ईमानदार कार्यशैली के चलते प्रधान नाजिम खान अपने मकसद में सफल नही हुआ और मुकदमे को इसपंज किया गया। चूंकि सतीश वर्मा द्वारा जो शिकायत की जा रही है वह सबूतों के साथ कि जा रही है। कार्यवाही के डर से नाजिम खान अपने राजनीतिक संबंध व पैसे का भरपूर इस्तेमाल कर रहा है।अभी तक शिकायत पर कोई भी प्रभावी कार्यवाही न होना दर्शाता है कि हरदोई की ब्यूरोक्रेसी पर प्रधान नाजिम खान का दवाब काम कर रहा है।

यह जगजाहिर है कि ग्राम प्रधान नाजिम खान नरेश अग्रवाल का बेहद ही करीबी है चुकी नरेश अग्रवाल इन दिनों भाजपा में है जिसका फायदा नाजिम खान भरपूर तरीके से उठा रहा है और शायद हरदोई की ब्यूरोक्रेसी भी इस कारण कार्यवाही करने से डर रही है शिकायतकर्ता सतीश वर्मा ने भ्रष्चारियो पर कार्यवाही व निष्पक्ष जांच हेतु उच्च न्यायालय की चौखट पर पहुँच चुका है। सतीश वर्मा के अधिवक्ता ने कुल छः लोगो को पार्टी बनाया है इन छः लोगो मे हरदोई के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक शामिल है।जिस प्रकार से शिकायतकर्ता सतीस वर्मा भ्रष्टाचार पर कार्यवाही कराने के लिए हर प्रकार की कोशिश कर रहा है उससे प्रतीत होता है कि आज नही तो कल हरदोई ब्यूरोक्रेसी को न चाहते हुए भी भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करनी ही होगी।