गोपामाऊ विधायक का पुत्र फर्जी वोट के दम पर चुनाव जीतने की फिराक में विधायक की पुत्र वधू के नाम से बने फर्जी वोट

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज़

विधायक श्याम प्रकाश आये दिन भ्रष्टाचार को लेकर उसी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सोशल मीडिया पर नजर आते है जिस पार्टी की लोकप्रियता के कारण वह एक बार फिर विधायक बन पाए। लेकिन आज के प्रकरण से यह बात साफ तौर पर समझी जा सकती है कि विधायक जी का भ्रष्टाचार के खिलाफ यह रूप महज एक दिखावा है। गोपामऊ विधायक जी को वह फर्जी वोट नही दिखाई पड़ रहे है जिसके दम पर उनके पिता स्वर्गीय झम्मन लाल जी,उनकी पत्नी शशि,व वर्तमान समय मे उनका बेटा रविप्रकाश प्रधान बन पाया।

दरअसल भाड़ायल ग्रामसभा के निवासी नरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया है कि विधायक श्याम प्रकाश का परिवार पिछले 50 वर्षो से भड़ायल के प्रधान पद पर काबिज है। इसका प्रमुख कारण यह है कि यह लोग फर्जी वोटो को दम पर चुनाव जीतते चले आ रहे है। मतदाता सूची में लगभग 317 वोट फर्जी वोट है जिसने लगभग 125 वोट मृतकों के बने हुए है 94 वोट बाहरी लोगों के बने है व लगभग 98 वोट डबल बनवाये गए है। विधायक की पुत्रबधू के खुद तीन वोट बने है जिसकी कई बार शिकायत की गई लेकिन शासनसत्ता के दबाब के दवाब में आज तक कार्यवाही नही हो सकी है। और जिन फर्जी वोट करवाने का प्रार्थना पत्र दिया था उनको नही काटा गया वह सभी 317 फर्जी वोट फिर से इस वर्ष 2021 की मतदाता सूची में प्रदर्शित हो रहे है। जब शिकायतकर्ता के इन आरोपो की हमारी न्यूज़ एजेंसी द्वारा पड़ताल की गई तो पाया गया कि , विधायक श्याम प्रकाश की पुत्रबधू के तीन वोट लवी प्रकाश,लवी वर्मा,व लावी प्रकाश पत्नी रवि प्रकाश के नाम से अलग अलग तीन वोट विधायक जी की पुत्र वधू के बने हुए है। अब देखना यह है कि आखिर इन फर्जी वोटो को कब काटा जाएगा या शासनसत्ता के दवाब में यू ही  फर्जी वोट के दम पर लोकतंत्र की हत्या होती रहेगी यह बड़ा सवाल है।