मंच के पंच ईमानदार हों तो समाज गुलाम नहीं हुक्मरान होगा : लक्ष्य

संवाददाता मोहम्मद वैश

रीडर टाइम्स न्यूज़

सीतापुर- हरगांव दिनांक 7 फरवरी 2021 को लक्ष्य की सीतापुर टीम ने बहुजन आंदोलन को गतिमान बनाये रखने के लिए एक भीम चर्चा का आयोजन सीतापुर के हरगांव के गांव कसिमापुर में किया जिसमें गांव वासियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया | लक्ष्य कमांडर सामाजिक आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए दिनरात जुटे हुए है और जिसका नेतृत्व समाज की महिलाऐं लक्ष्य कमांडर के रूप में कर रही है वे बहुजन समाज के लोगों को अहसास कराने में जुटी है कि अगर हम ठान लें तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है | इस आंदोलन में समाज के लोग विशेषतौर से युवा लक्ष्य युथ कमांडर के रूप में उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर चल रहें है |

जिस समाज के नेता अपने समाज के प्रति ईमानदार होतें है ऐसा समाज मजबूत रहता है और उस समाज के लोग आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव रखते है। इसके विपरीत जिस समाज के नेता टिकाऊ न होकर बिकाऊ हो तो वह समाज कमजोर लाचार होता है और उस समाज के लोगों का जीवन कष्टमय होता है उनका आर्थिक व सामाजिक क्षेत्र बहुत ही कमजोर होता है और इसका बहुत बड़ा उदाहरण है बहुजन समाज के नेता जो ज्यादातर टिकाऊ न होकर बिकाऊ रहे हैं और परिणाम हम सब के सामने है |

अगर ईमानदार नेतृत्व के महत्व को समझना है तो इस के लिए मान्यवर कांशीराम जी को समझना होगा , उस अकेले व्यक्ति ने अपनी  ईमानदारी के नेतृत्व के बलबूते हजारों वर्षो से दबे कुचले समाज को हुक्मरान बना दिया | इसलिए बहुजन समाज को ईमानदार नेतृत्व चाहिए अर्थात् टिकाऊ नेतृत्व चाहिए न कि बिकाऊ | इसीलिए हम कहते है कि मंच के पंच ईमानदार हों तो समाज गुलाम नहीं हुक्मरान होगा। यह बात लक्ष्य की महिला कमांडरों ने अपने सम्बोधन में कही |

इस भीमचर्चा में लक्ष्य कमांडर रेखा आर्या, विजय लक्ष्मी गौतम, राजकुमारी कौशल, रेखा चौधरी, रश्मि गौतम, देवकी बौद्ध, रूबी आर्या, मुन्नी बौद्ध, विमला रानी, जयश्री आनंद, प्रीति गौतम, पारुल, शिल्पी, शालू, रेनू गौतम, अनीता गौतम, सुनीता गौतम, उषा बौद्ध व लक्ष्य युथ कमांडर कालीचरण गौतम, प्रसेनजित बौद्ध, विनय प्रेम, ऋषभ श्रीवास, कुलदीप बौद्ध, शैलेन्द्र राज, शैलेन्द्र आर्या, संकेत कुमार, ओमप्रकाश गौतम, अनिल बौद्ध, एस पी कौशल, एम एल आर्या ने हिस्सा लिया | इस भीम चर्चा के आयोजन की कमान संभाली मनोज बौद्ध, श्रवण बौद्ध व आलोक बौद्ध ने |