योगी आदित्यनाथ की ई ट्रेंडरिंग प्रक्रिया में नगर पालिका परिषद हरदोई का बड़ा भ्रष्टाचार

रिपोर्ट शरद द्विवेदी

रीडर टाइम्स न्यूज

टेंडर खुलने से पहले ही गरजने लगी चहेते ठेकेदारों की जेसीबी मशीनें 

योगी आदित्यनाथ चाहे जितनी योजना बना ले। लेकिन उत्तर प्रदेश से भ्रष्टाचार को खत्म नही कर सकते। जब भाजपा सरकार बनी थी तब सरकार ने भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ई ट्रेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की थी इस प्रक्रिया के तहत संबंधित फर्म ऑन लाईन टेंडर अपलोड करना होता है व जिस संबंधित फर्म की दर न्यूनतम होती है उसको टेंडर कार्य कराने का ठेका दे दिया जाता है। लेकिन नगर पालिका परिषद हरदोई खुले आम योगी आदित्यनाथ की योजना ई ट्रेंडरिंग प्रक्रिया में जमकर भ्रष्टाचार कर रही है।

दरअसल नगर पालिका परिषद हरदोई ने ऑन लाईन टेंडर नोटिस संख्या 956 के माध्यम से दिनांक 01/02/2021 कोअलग अलग योजनाओं के अंतर्गत 20 कार्य कराने के लिए निविदाएं प्रकाशित की थी यह निविदाएं दिनांक 12/02/21 को खुलनी थी तब तय होता कि कौन संबंधित फर्म या ठेकेदार काम कराएगा ।लेकिन बेहद ही हैरत की बात है की नगर पालिका परिषद हरदोई के चहेते ठेकेदारों ने टेंडर खुलने से ही पूर्व काम करा डाले।और उससे भी अचंभे की बात यह है कि श्रीश चंद्र बारात घर के सामने बने तालाब की सफाई के नाम पर कुछ ही महीने पूर्व में लाखों रुपये निकाले जा चुके है उसी तालाब को टेलीफोन एक्सचेंज के पीछे दर्शा कर तालाब की सफाई के नाम पर 25 लाख रुपये सरकार का हड़पा जा रहा है और टेंडर खुलने से ही पूर्व संबंधित ठेकेदार की जेसीबी मसीने तालाब में गरज रही है।मतलब एक ही तालाब को अलग अलग नामो से दर्शा कर जनता के पैसे को नगर पालिका परिषद हरदोई अपने चहेते ठेकेदारों के माध्यम से बन्दरवाट कर रही है।इन्ही 20 कार्यो में पुरानी नगर पालिका परिषद में 74 लाख रुपये की निविदा प्रकाशित हुई 74 लाख की लागत से चबूतरों व इंटरलॉकिंग व बाउंड्रीबाल का कार्य होना था लेकिन जब पुरानी नगर पालिका परिषद हरदोई का निरीक्षण किया गया तो इंटरलॉकिंग व चबूतरे पहले से ही बने थे और बाउंड्रीवाल इसलिए नही हो सकती क्यो की पुरानी नगर पालिका का पूरा परिसर ही कवर्ड है।

नगर पालिका परिषद हरदोई का यह कारनामा कोई नया नही है आये दिन यह नगर पालिका भ्रष्टाचार के आरोपो से घिरी रहती है अभी पूर्व में एक सभासद ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर जांच न होने से आत्मदाह तक का पत्र मुख्यमंत्री को भेज दिया था। जब इस मामले में ईओ रवि शंकर शुक्ला से बात की गई तो उनकी हड़बड़ाहट और चेहरे का पसीना बता रहा था की उनके पास कोई जवाब नही है और जो जवाब दिए उससे समझा जा सकता है कि बड़े पैमाने पर नगर पालिका परिषद हरदोई बड़े पैमाने पर ई ट्रेंडरिंग प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर रसूखदार कब तक जनता के पैसे अपनी तिजोरियां भरते रहेंगे व खुद को विकास पुरुष साबित करते रहेंगे।