महत्वपूर्ण सरकारी दस्ताबेज हुए ; गायब सत्ता के दवाब में जिम्मेदार डाले रहे पर्दा ,

रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज

आज का जो प्रकरण है वह बेहद ही चौका देने वाला है और उस अवैध इमारत से सम्बंधित है जिसके मालिक हमेशा सत्ता में रहे और इस सत्ता के दवाब के चलते कार्यालय जिलाधिकारी भूलेख अनुभाग से उनकी ही अवैध इमारत की *पुनर्ग्रहण आदेश की फाइल गायब हो गई और सबसे बड़ी ताज्जुब की यह बात है कि हरदोई के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन जिम्मेदार इस कृत्य पर पर्दा डाले रहे और किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई। इसका खुलासा तब हुआ जब दिनांक 13/08/2019 को जिलाधिकारी कार्यालय से सूचना के अधिकार के अंतर्गत 1987 में पारित किए गए एक पुनर्ग्रहण आदेश की प्रमाणित छायाप्रति मांगी जाती है जिसके सापेक्ष जिलाधिकारी कार्यालय दिनांक 21/08/2019 को आवेदक को जवाब देता है कि सम्बंधित अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नही है।

दरअसल यह पुनर्ग्रहण आदेश ज्ञान योग धर्मार्थ ट्रस्ट को 1987 में उपलब्ध कराई गई सरकारी जमीन का था जिस ट्रस्ट की जमीन पर आज नियमविरुद्ध बना अवैध मारुति शोरुम कॉन्सेप्ट कार खड़ा हुआ है।और अपनी अवैध इमारत को बचाने के लिए हमेशा सत्ता में रहे। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब वर्ष 2019 में ही जिलाधिकारी कार्यालय को पता चल गया था कि सम्बंधित पत्रावली उपलब्ध नही है तो आखिर पत्रावली कैसे गायब हुई या संबंधित सरकारी दस्तावेज कहा है इस बात की जांच क्यो नही की गई जब यह आरटीआई डाली गई थी व जब आवेदक को जवाब उपलब्ध कराया गया तब हरदोई के जिलाधिकारी पुलकित खरे थे और आरटीआई का जवाब देने के बाद लगभग एक साल बाद उनका ट्रांसफर हुआ था। जांच न करना दर्शाता है कि जिम्मेदार सत्ता के दवाब में महत्वपूर्ण अभिलेख गायब हुए है के कृत्य पर पर्दा डाले रहे। एक सवाल आज भी है कि आखिर किन विभागीय लोगों ने किस सत्ताधीश के इशारे पर महत्वपूर्ण अभिलेख को कब गायब किया और किसके इशारे पर दोषियों पर कार्यवाही नही की गई या विभागीय साठगांठ के चलते तत्कालीन जिलाधिकारी पुलकित खरे को इस बात की जानकारी ही नही होने दी गई कि कोई महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज भूलेख कार्यालय में उपलब्ध नही है यह सबसे बड़ा सवाल है।