बिना जाति प्रमाणपत्र के दाखिल हो गया नामांकन ;  नामांकन रद्द न होना निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया पर सवालिया निशान

रिपोर्ट शरद द्विवेदी
रीडर टाइम्स न्यूज़
आज का प्रकरण बेहद ही गम्भीर और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया की पोल खोलता है ‘दरअसल तहसील सवायजपुर के अंर्तगत आने वाली ग्रामपंचायत सिंघापुर पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित किया गया है। ग्रामसभा के प्रधान पद प्रत्यासी रामदेवी, विद्यावती, निधि,कमीनी यादव व ललिता देवी ने सामूहिक रूप से सहायक निर्वाचन अधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा है शिकायतकर्ताओ ने आरोप लगाया है कि प्रिया पत्नी राजेश निवासी ग्राम लीला नगरा मजरा सिंगापुर तहसील सवायजपुर ने जो नामांकन पत्र दाखिल किया है उस नामांकन की प्रक्रिया में जरूरी दस्ताबेज जाति प्रमाणपत्र तहसील सवायजपुर से नही बनवाया गया है और जो जाति प्रमाणपत्र लगाया गया है वह फर्जी है।

‘दरअसल प्रधान पद प्रत्यासी प्रिया पत्नी राजेश ने अपना नामांकन दिनांक 03/04/2021 को बगैर जाति प्रमाणपत्र के दाखिल किया था व अगले दिन बंगाल के किसी स्कूल की टी0 सी0 को जाति प्रमाणपत्र की जगह लगा कर जाति प्रमाणपत्र की खानापूर्ति कर दी गई और संबंधित अधिकारियों द्वारा बंगाल की टी0 सी0 को जाति प्रमाणपत्र के रूप में स्वीकार कर लेना निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया पर एक सवालिया निशान जरूर लगाता है। जब हमारे द्वारा इसकी पड़ताल की गई तो पाया गया कि प्रिया बंगाल की रहने वाली थी उसने लीलानगला मजरा सिंघापुर ब्लॉक भरखनी के निवासी राजेश पुत्र शंकर से कई वर्षों पहले शादी कर ली थी व राजेश के साथ उसके गांव में ही रहने लगी थी राजेश एस0 सी0 हरिजन जाति से आता है। तहसील से प्रिया का जाति प्रमाणपत्र इसलिए नही बनवाया गया क्यो की प्रिया की शादी हरिजन जाति के राजेश से हुई थी इस कारण प्रिया का भी जो जाति प्रमाणपत्र बनता वह हरिजन जाति का ही बनता। इस कारण बंगाल की टी0 सी0 को आधार बना कर नामांकन कराया गया। लेकिन जिस प्रकार से टी0 सी0 पर लिखी तारीखों को मिटाया गया है उससे दस्ताबेज फर्जी प्रतीत होता है । अब देखना यह है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच होती है या नही या सत्ता के दवाब में सत्ताधीस अपना प्रधान बनवाने में कामयाब हो जाते है।