पोस्ट कोविड मरीज़ों के इलाज़ में मनमानी कर रहे निजी अस्पताल

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
* सक्रिय केस की संख्या दो हजार से कम .
* पोस्ट कोविड इलाज़ इलाज़ के लिए अभी तक कोई गाइडलाइन तय नहीं .

कोरोना की दूसरी लहर पर प्रदेश में लगाम लगती दिख रही है , हर दिन के साथ कोरोना के मरीज़ों की संख्या में कमी साफ़ नज़र आ रही है जिसके चलते बिना मरीज वाले कोविड अस्पतालों को अब पोस्ट कोविड मरीजों के इलाज का जिम्मा सौंपने की तैयारी है। सीएमओ लखनऊ की तरफ से कागज़ी कार्यवाही शुरू कर दी गयी ही . राजधानी में नए संक्रमित मिलने का आंकड़ा पिछले दो दिनों से 100 से भी नीचे आ गया है। सक्रिय केस की संख्या भी दो हजार से कम हो गई है।

अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 1500 से नीचे आ गई है। 30 से ज्यादा कोविड अस्पतालों में एक भी मरीज नहीं है, लेकिन जाते-जाते कोरोना अपने गहरे निशानों को छोड़ता जा रहा है , जिसके चलते पोस्ट कोविड मरीज़ों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है । सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि शहर में इस समय कई कोविड अस्पतालों में पांच से कम कोरोना मरीज भर्ती है तो कुछ में एक भी मरीज नहीं है। इसीलिए इन इन अस्पतालों को पोस्ट कोविड बनाने पर विचार किया जा रहा है।

जहाँ एक तरफ सरकार पोस्ट कोविड अस्पतालों के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है , वहीँ निजी अस्पतालों ने पोस्ट कोविड मरीज़ों से मनमानी वसूली करनी शुरू कर दी है । बताते चलें की अभी तक पोस्ट कोविड इलाज़ के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई दर निर्धारित नहीं करी गयी है.निजी अस्पताल के लिए कोई गाइडलाइन न होने से मरीजों से नाजायज़ वसूली करी जा रही है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पोस्ट कोविड समस्याओं को देखते हुए सरकारी अस्पतालों में ऐसे मरीजों का निशुल्क इलाज करने का निर्देश दिया है।

लखनऊ के सीएमओ डॉ. संजय भटनागर का कहना है कि पोस्ट कोविड मरीजों के इलाज के लिए अलग से कोई शासनादेश नहीं हुआ है। हालांकि, कोविड के इलाज के लिए जो आदेश है उसके हिसाब से ही निजी अस्पतालों को पोस्ट कोविड इलाज की फीस लेनी चाहिए। इससे ज्यादा वसूली पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।