आखिर किसकी मिलीभगत से सफाई कर्मचारी ग्राम पंचायत में करवाता है बाल श्रम

संवाददाता अनुज शुक्ला
रीडर टाइम्स न्यूज़
रामपुर मथुरा (सीतापुर) जहाँ एक तरफ सरकार 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को नाबालिक का दर्जा दे रही है और उन्हें शिक्षित करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है तथा कम उम्र बच्चों को मजदूरी (बाल श्रम) करने से रोकने के लिए तरह तरह के कठोर से कठोर क़ानून बनाने में भी पीछे नहीं है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी वेतन उठाने वाले कुछ गैर जिम्मेदार जो अपनी मजदूरी से कुछ प्रतिशत खर्च करके नाबालिक बच्चों से उनके सारे अधिकार छीनकर मजदूरी करवाने में कहीं पीछे नहीं हैं।

आपको बताते चलें कि आज मीडिया कर्मी टिकठा ग्राम पंचायत का भ्रमण कर रहे थे कि अचानक उनकी नजर एक नाली साफ करते हुए नाबालिक लड़के पर पड़ी। जब सफाई कर्मचारी से बात की गई तो पता चला कि सफाई करने वाले नाबालिक लड़का विद्यालय नहीं जाता है वह पिछले कई वर्षों से यह कार्य किसी दूसरे के नाम पर कर रहा है। ग्रामीणों से वार्ता के दौरान पता चला कि गाँव में इस नाबालिक लड़के के शिवा कभी कोई सफाई कर्मचारी नहीं आता है । गांव में जब नालियां उबलने लगती हैं तब कई बार शिकायत के बाद ही कहीं सफाई होने का दिन देखने को मिलता है। आखिर कौन है? जिसे इस नाबालिक बच्चे से इतनी कड़ी मेहनत करवाने में जरा सी भी दया या संकोच नहीं होता है।

आखिर किसकी मिलीभगत से जिम्मेदार सरकारी वेतन के चन्द पैसे खर्च करके नाबालिक से कार्य कराकर सम्पूर्ण धनराशि हड़प करने में सफल है। सरकार को चाहिए कि इसकी जाँचकर जिम्मेदार कर्मचारी से सारा वेतन वसूल कर इस नाबालिक बच्चे के नाम करवाये। अब देखना है कि सरकार रामपुर मथुरा के टिकठा ग्राम पंचायत के सफाई कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही करती है।