Gold में निवेश से पहले जान लें ये जरूरी बातें, होंगे बड़े फायदे

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
सोने को हमेशा से सुरक्षित निवेश माना गया है। सोने में निवेश करने मतलब सिर्फ गहने ही खरीदना नहीं होता है, बल्कि आप समझदारी से सोने में निवेश करें तो कुछ सालों के दौरान बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। लोगों को सोने में फाइनेंशियल असेट के तौर पर निवेश करना चाहिए। सेबी रजिस्‍टर्ड इन्‍वेस्‍टमेंट एडवाइर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं सोने में निवेश करने वाले पेपर गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड को बेहतर विकल्प के तौर पर माना जाता है।

सोलंकी के अनुसार, सोना 10-15 फीसद के बीच किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। जैसे अगर कोई 100 रुपये बचा रहा है, तो 15 रुपये निश्चित रूप से सोने में जाना चाहिए। महंगाई से राहत: जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, सोना शेयर बाजार की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार नहीं है, इसलिए इसे बाजार से जुड़े निवेश साधनों से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है।

सोलंकी के अनुसार, सोना लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। कई बार सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन यह हमेशा मजबूती के साथ वापसी करता है, यहां तक कि कुछ समय तो आउटपरफॉर्मिंग बॉन्ड और शेयरों को भी पीछे छोड़ देता है। सोना स्टॉक और बॉन्ड जैसे अन्य एसेट क्लास से अलग प्रदर्शन करने के लिए जाना जाता है। जब वे नीचे जाते हैं, तो सोना ऊपर जा सकता है। अगर आप पेपर गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ खरीदना है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए लोगों को ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर और डीमैट खाते से ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। ETF में निवेश करने में उच्च प्रारंभिक खरीद, बीमा और यहां तक कि बिक्री की लागत शामिल नहीं होती, इसलिए यह बहुत अधिक कॉस्ट-इफेक्टिव है।

सोवरिन गोल्ड बॉन्ड्स कागज के सोने में निवेश का दूसरा तरीका है। भारत सरकार ने 5 नवंबर 2015 को गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम शुरू की, ताकि जनता को बैंक लॉकर्स में बेकार पड़े सोने पर ब्याज के तौर पर कमाई करने का रास्ता मिल सके। सरकार एसजीबी जारी करती है, जो हर कुछ महीनों में खास अंतराल के दौरान खरीदने के लिए उपलब्ध होते हैं और ये रीडम्प्शन पर टैक्स-फ्री हैं।