जीवन कि कुछ अनकही व अनसमझी बाते…

कवित्री – नेहा शुक्ला (श्रुती) रीडर टाइम्स न्यूज़
 “अगर जलाना चाहते .. दीपक जलाओ,
        तुमको किसी का घर जलाकर.. क्या मिलेगा,
“दिल लगाना चाहते ..रब से लगाओ
        हर किसी से दिल लगाकर ..क्या मिलेगा,
“ख़ाक में मिल जायेंगे ..मैं और तुम भी
            बेवज़ह इतराके तुमको ..क्या मिलेगा,
“मेरी अपनी राह है ..अपनी है मन्ज़िल
            वक़्त ज़ाया करके हम पे ..क्या मिलेगा,

“रूह से वाकिफ़ मेरी.. मेरा ख़ुदा है
           झूठ की तीमार्गी से ..क्या मिलेगा,
“मासूमियत है सबसे महंगी ..इस जहाँ में
        चालाकियों की छत बनाकर.. क्या मिलेगा,
“चाँदनी सी स्याह है ..मेरी हक़ीक़त
        चेहरे पर चेहरा लगाकर ..क्या मिलेगा,
“आज क़ुदरत ने नवाज़ा है.. जो तुमको
        उन पैसो का दिखाकर.. क्या मिलेगा,
“झूठ की मीनार पर खड़ी है ..दुनिया 
          सबसे ऊपर जाके तुमको ..क्या मिलेगा।