2022 विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों की अहम भूमिका: मनोज पाण्डेय

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
1. 1997 से अब तक मैं 1000 से ज़्यादा ब्राह्मण सम्मेलन कर चुका हूं।
2. शिक्षा, रोज़गार और चिकित्सा हमारी प्राथमिकता।

उत्तर प्रदेश की राजनीति की गर्माहट हर बीतते दिन के साथ बढ़ती जा रही है। सभी पार्टियां अलग-अलग जातियों के समीकरण सेट करने में एड़ी चोटी का जोर लगाए दे रही हैं । पिछले कुछ दिनों से ब्राह्मणों की अहमियत प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में ऊंचे पायदान पर पहुंच गई है, हर पार्टी इस समय सिर्फ ब्राह्मण सम्मेलन कराने और गुणगान करने में व्यस्त है। इसी मुद्दे पर ‘रीडर टाइम्स’ ने पूर्व सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, रायबरेली से मौजूदा विधायक और समाजवादी पार्टी की प्रबुद्ध सभा के अध्यक्ष मनोज पाण्डेय से साक्षात्कार किया और यह जानने का प्रयत्न किया कि समाजवादी पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में किन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी और ब्राह्मणों के लिए उनके पास खास क्या है।

* समाजवादी पार्टी 2022 के विधानसभा चुनाव किन मुद्दों पर लड़ेगी?
समाजवादी पार्टी बेरोजगारी, किसानों को उनका यथार्थ हक दिलाने, शिक्षा , चिकित्सा को आज सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखती है ।भाजपा सरकार ने सिर्फ जुमलेबाजी और झूठ बोला है भाजपा ने कहा था काला धन वापस लाएंगे,सब के खाते में 1500000 देंगे, सब झूठ साबित हुआ। सरकार से जब उत्तर प्रदेश के रोजगार संबंधी आंकड़े पूछे गए तो सरकार ने बताया कि अब तक 4 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है, जिसमें संविदा कर्मी भी शामिल है। हम संविदा नौकरी को नौकरी नहीं मानते रोजगार व्यवसाय या सरकारी नौकरी को माना जाता है।

‘देश में 62.8 प्रतिशत लोग किसानी से जुड़े हैं किसानों पर संकट अब किसी से छुपा नहीं है उत्पादन का सही मूल्य किसानों को नहीं मिल रहा है जहां गेहूं का सरकारी रेट ₹ 1900 है वही वास्तविकता में गेहूं मंडी में 1400 रुपए में बिकता है, इसी तरह धान मार्केट में ₹1100 में बिकता है, जबकि उसका सरकारी मूल्य 1560 है डीजल बहुत महंगा हो चुका है डीएपी 1200 में बिक रही है, किसान हर तरफ से परेशान हो गया है।’

अगर चिकित्सा की बात करें जो पिछले डेढ़ साल में योगी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है, जिस समय कोविड-19 फैल रहा था उस समय सरकार बंगाल चुनाव प्रचार में व्यस्त थे और जब हालात बिगड़ गए तब उन्हें कोविड-19 के बारे में याद आया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लाखों लोगों ने ऑक्सीजन, चिकित्सा सुविधा ना मिल पाने और दवा के अभाव में अपनी जान से हाथ धो बैठे। इसीलिए सरकार अपने सभी दावों पर पूरी तरह फेल साबित हुई है।

* सरकार को सही रास्ता दिखाने का काम विपक्ष का होता है आपने क्या किया?
भाजपा सरकार सिर्फ अपने मन की करती है। पिछले साढे तीन साल में समाजवादी पार्टी ने 325 आंदोलन सड़कों पर उतरकर किए, जिसमें 350 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज हुआ। इस सरकार ने आम आदमी की आवाज दबाने में कोई कसर नहीं रखी. आंदोलन प्रशासन से अनुमति लेकर किए गए फिर भी सरकार के दबाव में प्रशासन ने हमारे कार्यकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई करी जो एक अच्छे लोकतंत्र की हत्या के समान है।

* योगी सरकार के कोविड-19 प्रबंधन मॉडल की तारीफ विदेशों तक में करी गई , आप कहां थे?
उत्तर प्रदेश सरकार कोविड-19 प्रबंधन में पूरी तरीके से विफल साबित हुई है लोगों को ऑक्सीजन की कमी के चलते अपने प्राण त्यागने पड़े, सरकारी अस्पताल में कोविड-19 चिकित्सा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे, लाखों की संख्या में लोग बाहर कतार लगाए तड़पते रहे, कोविड -19 से मरने वाले लोगों का उचित अंतिम संस्कार तक सरकार नहीं करवा पाई, जिसके चलते मजबूरन हजारों की संख्या में गरीब जनता ने प्रयागराज और अन्य जिलों में अपने मृत परिजनों को नदी के किनारे यूं ही दफना दिया यदि सरकार ने सम्मानजनक व्यवस्था करी होती तो किसी भी कोविड-19 पीड़ित मृतक के परिवार जन को असहनीय पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती। इस त्रासदी की पीड़ा आगे कई दशकों तक जनता के मन से नहीं जाएगी और इसका खामियाजा भाजपा सरकार को 2022 में हार के रूप में चुकाना पड़ेगा।

‘1989 से पहले कांग्रेस सरकार ने उत्तर प्रदेश को 6 ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिए उसके बाद से ब्राह्मणों को राजनीति में उचित सम्मान नहीं मिला समाजवादी सरकार ने ब्राह्मणों के लिए क्या विशेष सोचा है?’

उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों का वोट प्रतिशत 15% से भी ज्यादा है 103 विधानसभाओं में ब्राह्मण जनसंख्या के हिसाब से एक लाख से ज्यादा है, 31 विधानसभाओं में ब्राह्मण वोट प्रतिशत के हिसाब से 28 से 30% है 2007 में विधानसभा में ब्राह्मणों की संख्या 97 थी जबकि 2017 में यह संख्या 91 थी, ब्राह्मण कहीं से भी पीछे नहीं है समाजवादी पार्टी हमेशा से ब्राह्मणों का सम्मान करती आई है 2012 में पार्टी ने 42 ब्राह्मणों को टिकट दिए जिसमें 23 विजयी है जीत प्रतिशत 50% से ज्यादा रहा।

* समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों के कितने नजदीक है?
ब्राह्मण एक जात नहीं विचारधारा है ब्राह्मण हमेशा सबको साथ लेकर चला मगर यह दुर्भाग्य है कि कुछ लोग ब्राह्मणों पर उंगली उठाते हैं ।15 जनवरी 1997 को सबसे बड़ा ब्राह्मण सम्मेलन रायबरेली में समाजवादी पार्टी ने करवाया, देश के तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव चीफ गेस्ट के रुप में मौजूद रहे और पेट्रोलियम मंत्री जनेश्वर मिश्र की अध्यक्षता में करीब 500000 से ज्यादा लोगों ने उस में हिस्सा लिया। इतना बड़ा ब्राह्मण सम्मेलन आज तक किसी पार्टी ने नहीं कराया, मैं तब से 1000 से ज्यादा प्रबुद्ध सम्मेलन कर चुका हूं। समाजवादी पार्टी से ज्यादा ब्राह्मणों के लिए किसी ने नहीं सोचा। हर समाजवादी सरकार मंत्रिमंडल में ब्राह्मण मंत्रियों की संख्या मजबूत रही।

* 2022 विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों के लिए आप कोई वादा करेंगे?
वादा वो करते हैं जो कुछ नया करने जा रहे हैं, झूठ बोल रहे हो , हम तो हमेशा से ब्राह्मणों के हितों के लिए आवाज उठाते आए हैं। समाजवादी सरकार ने मेरे अनुग्रह पर 22639 ब्राह्मण संस्कृत के शिक्षकों को सरकारी रोजगार देंव का काम किया। उससे पहले किसी भी सरकार ने ब्राह्मण संस्कृत शिक्षकों को नहीं पूछा परशुराम भगवान की प्रतिमा लगवाने से लेकर उनकी जयंती पर अवकाश घोषित करने का काम समाजवादी सरकार ने किया। श्रवण यात्रा हमारी सरकार ने शुरू कराई और एक लाख से ज्यादा ब्राह्मण गरीब जनता को तीर्थ करवाने का कार्य समाजवादी पार्टी ने किया । 2022 में सरकार में आने पर हम ब्राह्मणों के लिए हर कार्य प्राथमिकता से करेंगे।