यूपी के हरदोई जिले में बाढ़ ने अपना रौद्र दिखाया रूप दिखाया

संवाददाता आशीष गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़
बाढ़ के प्रकोप से लोगों का हाल बेहाल है. तमाम परेशानियों ने एक साथ हमला बोल दिया है. हजारों लोग ना तो चैन से सो पा रहे हैं, और ना ही जी पा रहे हैं. चारो तरफ पानी से घिरे इन लोगों को खाने-पीने से लेकर तमाम संकटों का सामना करना पड़ रहा है. तमाम बीमारियों से लेकर जहरीले जीव जंतु तक हमेशा डर बना रहता है. दहशत के साए में जी रहे इन लोगों ने ख़बर फास्ट से अपने दर्द को बयां किया. कहा- साहब… जान हथेली पर लेकर जी रहे हैं, मौत कभी भी दस्तक दे सकती है।

दरअसल, जिले की सवायजपुर तहसील पांच नदियों से घिरी हुई है. यहां हर वर्ष बाढ़ की समस्या से सैकड़ों परिवारों के हजारों लोग प्रभावित होते हैं. लेकिन आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी ने इन इलाकों को विकसित करने की जहमत नहीं उठाई. आज भी पिछले चार दिनों से गर्रा नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. इसकी जद में सैकड़ों परिवारों के हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. इन लोगों को अभी तक किसी भी प्रकार की राहत सामग्री नहीं मुहैया कराई गई है. वहीं आज जिले के एक समाजसेवी राजवर्धन सिंह ने नाव से जोखिम भरा सफर तय करके टापू बने गांवों में पीड़ितों को राहत सामग्री मुहैया कराने की जहमत उठाई है. समाजसेवी के साथ इन जलमग्न इलाकों में ख़बर फास्ट की टीम ने भी जाकर करीब 7 से 8 घंटे तक यहां का जायजा लिया.बाढ़ से बेहाल जिंदगी.बाढ़ के सैलाब के आगे नतमस्तक हुआ प्रशासन।

हरदोई जिले से 70 किलोमीटर दूर बेस कटरी क्षेत्र है. यह जिले की सबसे बड़ी और अत्यधिक जनसंख्या वाली विधानसभा सवायजपुर में आता है. यहां हर वर्ष नदियों में जलस्तर बढ़ने से हजारों लोग प्रभावित होते हैं. कभी गंगा में तो कभी रामगंगा में जलस्तर बढ़ने से यहां दर्जनों गांव पानी की जद में आ जाते हैं. इस बार गर्रा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. जिसके बाद करीब 15 किलोमीटर से ज्यादा का क्षेत्र जलमग्न हो गया है. कटारी क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं जो पानी से घिरकर टापू बन चुके हैं. हालात ये हैं कि यहां कोई जनप्रतिनिधि व अधिकारी फंसे लोगों के पास आने की जहमत नहीं कर रहा है. अभी तक सैकड़ों परिवारों के हजारों पीड़ित लोगों को किसी भी प्रकार की कोई राहत नहीं दी जा सकी है. लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर अभी तक न तो बाढ़ चौकियों का निर्माण कराया जा सका है, और न ही स्टीमर व नाव की ही व्यवस्था की गई है. लोग अपने निजी प्रयासों से नाव चलाकर एक दूसरे का सहारा बन रहे हैं।

समाजसेवी राजवर्धन सिंह राजू राष्ट्रीय स्तर पर अपने समाज सेवी कार्यों को लेकर चर्चाओं में रहे व मिशन आत्मसंतुष्टि के संचालक राजवर्धन सिंह राजू ने इन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत प्रदान करने का प्रण लिया है. राजवर्धन ने यहां अपनी निजी एम्बुलेंस, नाव, लाइफ सपोर्ट जैकेट व रसोई घर आदि की व्यवस्थाएं की हैं. राजवर्धन का कहना है कि वे निरंतर यहां आ रहे हैं और नाव के जरिये रोजाना लोगों के पास जाकर उन्हें खाना, इलाज और पैसे आदि देने का काम कर रहे हैं।