शादी के बाहर के संबंध अब अपराध नहीं

डेस्क रीडर टाइम्स न्यूज़
1- धारा 497 को किया गया खत्म
2- 150साल पुराने कानून की आज उपयोगिता नहीं
3- 5 जजों की बेंच ने किया साझा ऐतिहासिक फैसला
लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट ने आज आईपीसी के सेक्शन 497 को आज खत्म कर दिया गया है। एडल्ट्री से जुड़े इस 150 साल पुराने कानून को पांच जजों की संयुक्त बेंच ने आज समाप्त करते हुए कहा कि मौजूदा परिवेश में यह सेक्शन महत्वहीन हो चुका है और हम टाइम मशीन के द्वारा जब पिछले समय में पहुंच नहीं सकते तो इस कानून का कोई महत्व नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं और पुरुषों की समानता को दृष्टिगत रखते हुए 497 को समाप्त किया है क्योंकि यह फैसला एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद लिए दिया गया है । जब एक विवाहित पुरुष किसी महिला से संबंध रखता है तो वह 497 के तहत दोषी करार दिया जाता है जबकि एक महिला जब किसी से अफेयर चल आती है तो उसको सजा नहीं होती। ऐसे में इस एक तरफा कानून को रद्द किया जाना चाहिए।

इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज से 497 को अवैध असंवैधानिक करार दे दिया है। हालांकि इस कानून के खत्म होने के के बाद काफी चौंकाने वाली स्थितियां जन्म ले सकती हैं। इस कानून के खात्मे के बाद इसका व्यापक असर शादीशुदा जिंदगी ऊपर पड़ने वाला है और परिवार मे बच्चों पर सबसे ज्यादा इसके बुरे असर की उम्मीद की जा रही है। जब कोई भी बच्चा अपने माता-पिता को अलग-अलग कई लोगों से रिलेशन स्थापित करते हुए देखेगा तो निश्चयात्मक रूप से उस बच्चे लिए यह परिस्थिति किसी मेंटल ट्रॉमा जैसी ही साबित होगी साथ ही भारतीय संस्कृति की अवधारणा भी छिन्न-भिन्न हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थिति से निपटने के लिए अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि इस स्थिति में यदि पति और पत्नी दोनों में से कोई एक भी आत्महत्या जैसा कुछ कर लेता है तो बचा जीवित पार्टनर 306 आईपीसी के अंतर्गत गुनहगार साबित हो सकता है। फिलहाल भारत ने एक बार फिर सामाजिक उनमुक्तता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है। हर कानून के कुछ अच्छे और कुछ बुरे पहलू जरूर होते हैं। उम्मीद है इस कानून के खत्म होने के बाद भी भारतीयता जिंदा रहेगी।