ये है स्वच्छता का हाल : गंदगी से बजबजा रहा नगर – संक्रामक बीमारियों का खतरा ,

संवाददाता श्याम जी गुप्ता
रीडर टाइम्स न्यूज़

– जल निकासी की समुचित व्यवस्था न होना , नालों पर अवैध कब्जे , शासन के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे – ईओ
– नगरपालिका की अध्यक्षा के पति आसिफ खां बब्बू की दखलन्दाजी से नर्क बना नगर
शाहाबाद हरदोई / बारिश होते ही नगर में लगभग 27 साल के विकास पर नगरवासियों ने प्रश्नचिन्ह सोशल मिडिया के माध्यम से खड़ा कर दिया। गुरुबार को लगभग एक घंटे क़ी बारिश में नगर तालाब नदी के रूप में तब्दील हो गया। बारिश ने नगर क़ी सफाई व्यवस्था की पोल खोलते हुए कागजों पर स्वच्छता मिशन की पोल खोल दी। बजबजा रहे नालों सिर्फ कागजों पर सफाई व्यवस्थाजल निकासी की समुचित व्यवस्था न होना नालों पर अवैध कब्जे नगरपालिका अध्यक्षा के पति असिफ खां की नगरपालिका में दखलन्दाजी शासन के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे ईओ की लापरवाह कार्यप्रणाली ने शाहाबाद नगरपालिका के अमजनमानस को नर्क की तरह रहने को मजबूर कर दिया है।

नगर में हर बर्ष करोड़ों का खर्च नगर की देखरेख , विकास व साफ सफाई व्यवस्था पर खर्च किया था हैँ, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल इसके बिपरीत है,मुख्य रोड़ों की टूटी सड़कें, जगह-जगह जलभराव,बजबजाते नाले व नालियां जगह-जगह डंप लगे कूड़े के ढेर से पूरा नगर बजबजा रहा है,बरसात के मौसम में संक्रमण बीमारियों का फैलने का खतरा लोगों की जान पर बन जाता है। बजबजा रहे नालों-नालियों, डंप लगे कूड़े के ढेरों की बदबू से नगरबासियों का निकलना तक दुश्वर हो जाता है। बहीं बजबजाती नालियों के कारण सड़क से गुजरने बालों पर दिन में भी मच्छर टूट पड़ते हैँ इसके बाबजूद नगरपालिका ईओ व सफाई निरीक्षक व अन्य कर्मचारी समस्या को पूरी तरह नजरअंदाज किये हुए हैँ।

नगरबासियों का कहना हैँ कि नगरपालिका में कोई भी अधिकारी-कर्मचारी सुनने बाला नही हैँ, न ही 27 सालों में पानी निकास व कूड़ा डालने की कोई समुचित व्यवस्था नगरपालिका के जिम्मेदार नही कर पाए उसी का परिणाम है कि जलभराव की स्थित हर साल हो जाती है यही जलभराव नगर में बीमारियों का कारण बन जाता है। इसकी जमीनी पड़ताल करने पर काशीराम कालोनी में डंप कूड़े के ढेर, कालोनी की सड़कों पर महीनों से पड़ा दुर्गन्ध फेंक रहा कूड़ा,सीओ ऑफिस के बगल में बजबजा रहा नाला,पैराडाइज मैरिज लान पर जलभराव,बेझा रोड पर तालाब के रूप में जलभराव,खेड़ाबीबी जाई में बजबजाती नालियाँ कोई एक-दो उदाहरण नही बल्कि पुरे नगर में यही स्थित है।

गीला व सूखा कूड़ा की नगरपालिका के पास कोई व्यवस्था नही –
नगरपालिका द्वारा कूड़ा उठाने की गाड़ियां तो जरूर लगाई गई हैँ उनमे सूखा व गीला कूड़ा अलग-अलग डालने के स्लोगन शोभायमान जरूर हैँ लेकिन व्यवस्था जरा सी तक नही है। कूड़ा धोने बाली गाड़ियां सूखा व गीला कूड़ा एक में ही ले जाती हैँ,नगरपालिका की तरफ से गाड़ियों के डीजल में भी चोरी की जाती है, जिससे गाड़ियां समुचित रूप से नगर के कूड़े को नही उठा पाती। वही इस सम्बन्ध में नगरपालिका कर्मियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि नगरपालिका की व्यवस्था या अवव्यवस्था के सम्बन्ध में यदि वह कुछ बोलेंगे तो उन्हें तुरंत काम से निकाल दिया जायेगा इसलिए जो चल रहा है चलने दीजिए। सफाई निरीक्षक दीपक से नगर की सफाई-अव्यवस्था पर बात करने पर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करते हुए जानकारी देने से मना कर दिया। नगर की सफाई-व्यवस्था की जानकारी फोन पर नही दी जा सकती है, ये सब बातें फोन पर करने लायक नही हैँ इसके लिए नगरपालिका आकर बात कर सकते हैँ।